UP News: कौशांबी में हिंसक सियार को ग्रामीणों ने पीटकर मार डाला, रात में जागकर ग्रामीण कर रहे रखवाली
कौशांबी के नेवारी गांव में एक हिंसक सियार ने एक बच्चे को घायल कर दिया और दो अन्य ग्रामीणों पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने आखिरकार गुरुवार की सुबह उसे पीट-पीटकर मार डाला। घरों में कैद गांव की महिलाएं व बच्चे भी दहशतजदा रहे। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और मृत सियार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
संवाद सूत्र, जागरण, गुवारा। करारी क्षेत्र के नेवारी गांव में हिंसक हुए सियार को आखिरकार गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने पीटकर मार डाला। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने निरीक्षण किया और मृत जानवर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।
नेवारी गांव में बीते दो दिन से भेड़िया के घूमने की दहशत बनी हुई थी। बुधवार की शाम खेत में काम कर रही शिवकरन की पत्नी ने बताया कि उसके गोद में रहे दुधमुंहे बेटे प्रियांश को जंगली जानवर खींच ले गया। शोर मचाने पर ग्रामीणों ने पीछा किया तो वह बच्चे को छोड़ गांव के ही रामदास व शिवबाबू पर हमला कर घायल कर दिया।
इसके बाद गांव के बाहर ससुर खदेरी नदी किनारे झाड़ियों में छिप गया। गांव के धर्मदास, बबलू सरोज और पड़ोसी गांव खोजवापुर के शैलेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि भेड़िया होने की आशंका में दोनों गांव के लोग पूरी रात जागते रहे। दर्जन भर से अधिक ग्रामीण लाठी लेकर रतजगा करते रहे।
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कहीं से भी कोई आहट हुई तो शोर मचाने के साथ टार्च की रोशनी जलाकर कायदे से छानबीन की गई। वहीं घरों में कैद गांव की महिलाएं व बच्चे भी दहशतजदा रहे। गांव की गली में सन्नाटा पसरा रहा। बहरहाल, गुरुवार की सुबह होते ही ग्रामीणों ने फिर से जंगली जानवर को खोजना शुरू कर दिया।
गांव के बाहर एक नलकूप के समीप जंगली जानवर नजर आया तो ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उसकी पिटाई शुरू कर दी। इससे उसकी मौत हो गई। सूचना पर प्रभागीय वनाधिकारी राम सिंह यादव अपनी टीम के साथ गांव पहुंच गए। उन्होंने मृत सियार को देखा और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि यह भेड़िया नहीं, बल्कि सियार है। तब जाकर लोेगों ने राहत की सांस ली। वहीं गांव के बुजुर्गों ने भी मृत जानवर को सियार ही बताया।
इसे भी पढ़ें-सोनभद्र में फाइनेंस कंपनी ने जब्त की स्कूटी, आहत हुई छात्रा ने फांसी लगाकर दी जानप्रभागीय वनाधिकारी डा. आरएस यादव ने कहा कि सियार वन्य जीव है। इसलिए इसे मारने वाले लोगों के खिलाफ फिलहाल अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है। किसी भी गांव में अगर सियार अथवा अन्य वन्य जीव दिखाई पड़ते हैं तो लोग उसे मारे नहीं, बल्कि वन विभाग, पुलिस अथवा जिला प्रशासन को सूचित करें, उसे पकड़कवाया जाएगा।
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