Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

यूपी में वक्फ से मुक्त कराई गई 96 बीघा जमीन, शासन को छह बिंदुओं पर भेजा गया सुझाव

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में वक्फ संशोधन विधेयक पर की गई कार्रवाई देशभर में एक मिसाल बन सकती है। कड़ा धाम में 96 बीघा जमीन को वक्फ बोर्ड से मुक्त कराया गया है। इस मामले में एडीएम (न्यायिक) कोर्ट के फैसले पर शासकीय अधिवक्ता ने शासन को छह बिंदुओं पर सुझाव भेजे हैं जिनमें से कुछ को शासन ने स्वीकार कर लिया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 24 Sep 2024 09:23 AM (IST)
Hero Image
यूपी में वक्फ से मुक्त कराई गई 96 बीघा जमीन, शासन को छह बिंदुओं पर भेजा गया सुझाव

जागरण संवाददाता, कौशांबी। वक्फ संशोधन विधेयक पर देश भर से मांगे गए सुझाव में कौशांबी में की गई कार्रवाई देश में नजीर बन सकती है। कड़ा धाम में 96 बीघा मुक्त कराई गई जमीन को लेकर एडीएम (न्यायिक) कोर्ट की कार्रवाई पर शासकीय अधिवक्ता ने शासन को छह बिंदुओं पर सुझाव भेजा है, जिसमें से कुछ को शासन ने स्वीकार कर लिया है।

वक्फ बोर्ड की कब्जे वाली यह जमीन ग्राम समाज के नाम दर्ज हो गई। एडीएम (न्यायिक) ने यह आदेश दो दिसंबर 2022 को जारी किया था। उच्च न्यायालय ने उन्हें प्रकरण के निस्तारण का आदेश दिया था।

कड़ा धाम निवासी सैयद नियाज अशरफ अली ने वक्फ संपत्ति को यह कहते हुए दावा किया था कि उसे अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासन काल में ख्वाजा कड़क शाह के नाम से माफीनामा दिया था। उन्होंने वर्ष 1945 में दीवानी अदालत में मुकदमा दर्ज किया था। मांग की थी कि उसे वक्फ संपत्ति घोषित किया जाए, लेकिन अदालत ने उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना।

कोर्ट ने वक्फ की संपत्ति मानने से किया मना

जमीनदारी व्यवस्था समाप्त होने पर वर्ष 1952 में यह जमीन ग्राम समाज के नाम दर्ज थी। नियाज ने 1974 में फिर दीवानी अदालत में मुकदमा किया। इस बार भी अदालत ने भूमि को वक्फ संपत्ति नहीं माना। इसके बाद चकबंदी अधिकारी ने 14 मई 1979 को भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो ग्राम सभा अपना पक्ष रखती रही।

अंत में हाई कोर्ट ने तत्कालीन एडीएम (न्यायिक) डा.विश्राम को पूरे मामले की सुनवाई करते हुए निर्णय का आदेश दिया। एडीएम (न्यायिक) ने सुनवाई में वक्फ संपत्ति संबंधी अभिलेख गलत पाए। साथ ही अपने पक्ष में कोई साक्ष्य दाखिल नहीं कर पाए। दो दिसंबर 2022 को एडीएम (न्यायिक) ने भूमि को ग्राम सभा में दर्ज करने का आदेश दिया। अब इस पूरे प्रकरण की सुनवाई से लेकर फैसले तक की रिपोर्ट शासकीय अधिवक्ता ने शासन को भेजी है।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिवमूर्ति द्विवेदी ने बताया

कड़ा धाम में करीब 96 बीघा जमीन पर वक्फ बोर्ड गलत तरीके से कब्जा किए था। अब यह जमीन सरकारी खाते में दर्ज करा दी गई है। कार्रवाई को लेकर भेजे गए सुझाव को शासन ने स्वीकार कर लिया है। अब प्रदेश के अन्य जिलों में कौशांबी की कार्रवाई नजीर बन सकती है।

इसे भी पढ़ें: महाबोधि एक्सप्रेस पर प्रयागराज में पथराव, कई यात्री घायल; मची अफरा-तफरी

इसे भी पढे़ं: यूपी में एक और एनकाउंटर, गाजीपुर में STF ने ढेर किया एक लाख का इनामी बदमाश; RPF जवानों की हत्या में था शामिल