कुशीनगर में अवैध अनाथालय से मुक्त कराए गए 25 बच्चे, संचालिका पर केस
कुशीनगर के परसौनी गांव में चल रहे अनाथालय का बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने पिछले दिनों निरीक्षण किया था इसमें खामियां मिली थीं इसके बाद डीएम के आदेश पर हुई थी जांच रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई।
कुशीनगर : नगर से सटे परसौनी गांव में अवैध रूप से संचालित अनाथालय से बुधवार को 25 बच्चे मुक्त कराए गए। इस दौरान संचालिका शीरीन बसुमता व उनके स्वजन ने विरोध किया तो बच्चे भी प्रतिरोध खड़ा कर रोने व चीखने-चिल्लाने लगे। यह देख अफसरों ने रेस्क्यू की कार्रवाई रोक दी। तत्काल पुलिस बल बुलाई गई। महिला कांस्टेबल व अधिकारियों ने काफी मशक्कत कर 16 बालिकाओं तथा 9 बालकों सहित सभी 25 बच्चों को मुक्त कराया। इनको बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति ने मेडिकल परीक्षण का निर्देश दिया। बाल संरक्षण अधिकारी विनय कुमार की तहरीर पर कोतवाली पडरौना में संचालिका के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ।
बीते 15 जुलाई को जनपद दौरे पर आईं उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. सुचिता चतुर्वेदी ने अनाथालय का औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने बिना पंजीकरण अनाथालय संचालित करने, अनाथालय में रह रहे सभी 25 बच्चों का मतांतरण कराने तथा बिना जगह व सुविधाओं के उन्हें रखने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए प्रमुख सचिव तथा डीएम को पत्र भेज कर कार्रवाई को कहा था। इसके बाद डीएम ने एसडीएस को जांच करने का निर्देश दिया। जांच में मामले की पुष्टि होने के बाद एसडीएम सदर कोमल यादव के नेतृत्व में पुलिस व प्रशासनिक अमला दोपहर में अनाथालाय पहुंचा। एसडीएम ने संचालिका शीरीन बसुमता से वार्ता कर बच्चों को बाल संरक्षण अधिकारी की सुपुर्दगी में दिए जाने को कहा। इस पर उन्होंने इन्कार कर दिया। अधिकारियों की टीम ने जब बच्चों को वहां से निकालने की कोशिश की तो संचालिका व बच्चे धक्का-मुक्की करने लगे। इससे अफरा-तफरी मच गई। अवैध रूप से बच्चों को रखने पर एसपी सचिद्र पटेल ने कहा कि दर्ज मुकदमे की विवेचना की जा रही है।