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Dial 112: जरूरतमंदों तक कम समय में पुलिस सहायता, बस कॉल करने की देर फौरन पहुंचेगी पीआरवी; नई व्यवस्था लागू

डायल 112 पर कॉल करने के बाद अब पीआरवी जल्द से जल्द मौके पर पहुंचेगी। उन इलाकों में पीआरवी को हमेशा मुस्तैद रहने का निर्देश हुआ है जहां से ज्यादा कॉल आई है। कसया पडरौना सहित 10 जगहों पर पीआरवी को ज्यादा सक्रिय रखा जाएगा। बीते तीन से चार माह के डाटा का अध्ययन कर ऐसे इलाके चिह्नित किए गए।

By pradumn Shukla Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 17 Sep 2024 05:19 PM (IST)
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112 नंबर पर कॉल करने पर अब जल्दी पहुंचेगी पीआरवी (प्रतीकात्मक फोटो)

जागरण संवाददाता, पडरौना। Dial 112: 112 पर काल करने के बाद जल्द से जल्द पीआरवी मौके पर पहुंच सके, इसके लिए नई व्यवस्था की गई है। उन जगहों पर पीआरवी को अब हमेशा मुस्तैद रहने का निर्देश हुआ है, जहां से ज्यादा काल आई है।

बीते दिनों निर्देश हुआ था कि 112 का तीन से चार माह का डाटा निकाला जाए। उसका अध्ययन करने के बाद उन जगहों को चिह्नित किया गया, जहां से मदद के लिए ज्यादा कॉल आई थी। इसके बाद चिह्नित कसया, पडरौना सहित 10 जगहाें पर पीआरवी को ज्यादा सक्रिय रखने को कहा गया है।

जरूरतमंदों तक जल्द पहुंचेगी पुलिस सहायता

आपातकालीन पुलिस सहायता, अब जरूरतमंदों तक जल्द से जल्द पहुंचेगी। विभाग द्वारा उन इलाकों में पीआरवी को ज्यादा सक्रिय रहने को कहा गया है, जहां से पुलिस सहायता के लिए अधिक फोन काल आए थे। चिह्नित इलाकों में अब पीआरवी को ज्यादा सक्रिय रखा जाएगा, ताकि मदद के लिए फोन आते ही कम से कम समय में रिस्पांस दिया जा सके।

पुलिस के अलावा कई हेल्पलाइन होंगे एड

उल्लेखनीय है कि बीते तीन से चार माह के डाटा का अध्ययन कर ऐसे इलाके चिह्नित किए गए। इसमें नगर के अलावा कसया, तुर्कपट्टी, हाटा, खड्डा, नेबुआ नौरंगिया, जटहाबाजार, कप्तानगंज, तमकुहीराज व सेवरही शामिल है। बता दें कि नागरिकों की त्वरित सहायता के लिए आपातकालीन पुलिस सेवा 112 संचालित हो रही। इससे पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य सेवा, अग्निशमन, महिला हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्पलाइन को भी जोड़ा गया है।

112 नंबर पर फोन करने पर नजदीक मौजूद पीआरवी, पब्लिक रिस्पांस व्हीकल, मौके पर पहुंच जरूरतमंदों की मदद करती है। ग्रामीण इलाकों के साथ ही शहरी इलाकों में इसका रिस्पांस टाइम कम से कम हो महकमा इसकी कोशिश लगातार कर रहा है।

नागरिकों तक जल्द से जल्द पुलिस की मदद पहुंचाई जा सके इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बीते तीन से चार माह के आंकड़ों का अध्ययन कर सर्वाधिक फोन काल वाले इलाकों में पीआरवी को और मुस्तैद रखे जाने का निर्णय हुआ है।

-रितेश कुमार सिंह, एएसपी

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