कुशीनगर नकली नोट मामला: कम समय अधिक धन कमाने के लालच में पकड़ी गलत राह, कोयले से कमाई अकूत संपत्ति
कुशीनगर में नकली नोट मामले में एक बड़ी गिरफ्तारी हुई है। कम समय में अधिक धन कमाने की लालच में गलत राह पर चलने वाले रफीक उर्फ बबलू खान को आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा। किसान पीजी कॉलेज सेवरही से राजनीति शास्त्र से एमए करने के बाद से ही तमकुहीराज स्थित सेल टैक्स बैरियर पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धन कमाना शुरू किया।
धनेश्वर पांडेय, सेवरही। कम समय में अधिक धन कमाने की लालच में गलत रास्ता अख्तियार कर चुके रफीक उर्फ बबलू खान को अंततः जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा। किसान पीजी कालेज सेवरही में राजनीति शास्त्र से एमए करने के बाद से ही तमकुहीराज स्थित सेल टैक्स बैरियर पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धन कमाना शुरू किया।
सेल टैक्स बैरियर के बिहार में स्थानांतरित होने के बाद असम के गुवाहाटी से कोयले के धंधे से अकूत संपत्ति कमाई। रफीक के पिता हनीफ खान ने तमकुहीराज कस्बे के पशु चिकित्सालय में स्टाक मैन पद पर तैनाती के दौरान कस्बे के गुदरी मुहल्ले की एक स्वजातीय युवती से शादी कर ली।
इस पहली शादी के बाद पत्नी बस्ती में पुश्तैनी जमीन पर रहती हैं, जिनसे दो पुत्रियां और एक पुत्र है। दूसरी शादी से शफीक खान उर्फ गुड्डू , रफीक खान उर्फ बबलू और एक बहन शाहनवाज पैदा हुई। उसने गुदरी बाजार में घर भी बनवा लिया। इसमें बड़ा पुत्र शफीक का परिवार रहता है।
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रफीक की आमदनी बढ़ी तो उसने तरयासुजान मोड पर एक आलीशान घर बनाया और यहीं से कोयले के धंधे की शुरुआत की। पिता की कार्यकाल के दौरान ही मृत्यु होने से शाहनवाज को नौकरी मिली व उसकी पोस्टिंग पडरौना पशु चिकित्सालय में है।
रफीक के बड़े भाई शफीक की मार्ग दुर्घटना में हुई मृत्यु के बाद भाई अलग-अलग रहने लगे। रफीक खान ने 10 कट्ठा जमीन गुदरी मुहल्ले के पूरब खरीदी है। वह बीते नगर पंचायत के चुनाव में चेयरमैन का चुनाव लडना चाहता था। लाखों रुपये खर्च कर बैनर पोस्टर भी छपवाया था, लेकिन किसी कारण से चुनाव नहीं लड़ सका।
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