Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

असलहा जमा कराने में कुशीनगर प्रदेश में 10वें नंबर पर

प्रदेश के जनपदों को डीजी ने दिया था असलहा जमा कराने का निर्देश एक माह के विशेष अभियान में सिर्फ 15 जिलों ने किया बेहतर कार्य शेष जिलों को बेहतर कार्य करने के दिए गए निर्देश।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 19 Mar 2021 11:48 PM (IST)
Hero Image
असलहा जमा कराने में कुशीनगर प्रदेश में 10वें नंबर पर

कुशीनगर:असलहा जमा कराने में कुशीनगर पुलिस प्रदेश में 10वें नंबर पर है। 80 फीसद से अधिक असलहे जमा करा कर पुलिस ने यह उपलब्धि हासिल की है। पंचायत चुनाव को लेकर असलहा जमा कराने में अब तक कुल 15 जनपदों ने बेहतर किया है। बाकी जनपदों को इसे लेकर त्वरित कदम उठाए जाने को कहा गया है।

पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश पुलिस के मुखिया ने अभियान चलाकर असलहे जमा कराने का निर्देश दिया था। कहा था कि 15 फरवरी से 12 मार्च तक शस्त्रधारकों को नोटिस भेज उनके असलहे जमा करा लिए जाएं। निर्धारित अवधि में जिले की पुलिस ने कुल असलहों 4338 के सापेक्ष 80 फीसद से अधिक असलहों को जमा करा लिया है। डीजी स्तर पर हुई समीक्षा में सिर्फ 15 जनपदों की स्थिति संतोषजनक मिली। वहीं असलहा जमा कराने में कई जिले फिसड्डी साबित हुए। लखनऊ कमिश्नरी, कानुपर नगर, आगरा, शाहजहांपुर, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी, कन्नौज, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सोनभद्र व प्रयागराज सहित 13 जिलों में अब तक 10 फीसद असलहे भी जमा नहीं हो सके हैं। इसी तरह हरदोई, बागपत, रामपुर, मैनपुरी, मिर्जापुर समेत 28 जनपदों में सिर्फ 20 फीसद ही असलहा जमा हो सके हैं। डीजी ने इन जिलों को सुधार की नसीहत देते हुए इस दिशा में तत्काल कदम उठाएने को कहा है।

पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हुई है पर पुलिस की तैयारियां जोरों पर है। अराजकता फैलाने वाले संदिग्धों की पहचान कर जहां पाबंद करने की कार्रवाई चल रही वहीं शातिर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल उन पर नजर रखी जा रही है।

इन जिलों की रही बेहतर स्थिति

प्रदेश में संतकबीरनगर, फतेहपुर, गोंडा, बाराबंकी, देवरिया, ललितपुर, उन्नाव, एटा, बहराइच, कुशीनगर, बस्ती, बिजनौर, बलरामपुर, श्रावस्ती व

सिद्धार्थनगर की स्थिति असलहा जमा कराने में बेहतर रही।

एसपी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। डीजी कार्यालय से मिले निर्देश के क्रम में अभियान चलाकर असलहे जमा कराए गए। व्यवसायी व शस्त्रधारकों की स्थिति का आंकलन कर जरूरतमंदों को इससे छूट दी गई है।