खुद देखिए हाल... एक वर्ष बाद भी टेंट आवास योजना शुरू नहीं, सवाल करने पर मिला ये जवाब
Kushinagar News कुशीनगर में एक वर्ष बाद भी टेंट आवास योजना शुरू नहीं हुई है। इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया था। दिसंबर 2022 में केंद्रीय पर्यटन की टीम ने यहां तीन स्थलों का निरीक्षण किया था लेकिन योजना में अब तक कोई प्रगति नहीं हो सकी है। पढ़िए पूरी खबर.. .
जागरण संवाददाता, कुशीनगर। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक वर्ष पूर्व टेंटेड एकोमोडेशन (टेंट का आवास) योजना लागू की गई थी। इसके तहत भारतीय व विदेशी पर्यटकों को खुले में आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराना था। दिसंबर 2022 में केंद्रीय पर्यटन की टीम ने यहां तीन स्थलों का निरीक्षण किया था, लेकिन योजना में अब तक कोई प्रगति नहीं हो सकी है।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए इको टूरिज्म की एक नई योजना बनाई है। इसके तहत पर्यटकों को प्राकृतिक वातारण में ठहराया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा कुशीनगर सहित श्रावस्ती व कपिलवस्तु का चुनाव किया गया है। इन पर्यटक स्थलों पर प्रयागराज के संगम की तर्ज पर व्यवस्था की जाएगी।
कुशीनगर के लिए क्या प्लानिंग
कुशीनगर में लगभग चार एकड़ में टेंटेड एकोमोडेशन की व्यवस्था करने की योजना है। इसमें पर्यटकों के लिए सुख-सुविधाओं के सभी साधन उपलब्ध रहेंगे। इसके लिए बीते वर्ष दिसंबर में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक अनिल ओरान, सहायक क्षेत्रीय निदेशक वाराणसी अमित गुप्त व उप्र पर्यटन के क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रवींद्र कुमार, पर्यटक सूचना अधिकारी कुशीनगर डा. प्राण रंजन ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बुद्धस्थली में तीन स्थलों का निरीक्षण किया।टीम ने थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री के सामने की भूमि, निरस्त हुए मैत्रेय प्रोजेक्ट स्थल व रामाभार पुल के पास स्थान का निरीक्षण किया था। योजना के तहत राज्य सरकार को भूमि उपलब्ध कराना है जबकि बजट की व्यवस्था केंद्र सरकार को करनी है।
केंद्रीय पर्यटन विभाग के आदेश की प्रतीक्षा
क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी गोरखपुर रवींद्र कुमार ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन विभाग की टीम ने टेंटेड एकोमोडेशन के लिए एक वर्ष पूर्व ही सर्वे कर लिया था। रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जा चुकी है। केंद्रीय पर्यटन विभाग के आदेश की प्रतीक्षा है। आदेश आने पर अगली प्रक्रिया प्रारंभ होगी।ये भी पढ़ें -ड्रोन से दवा पहुंचाएगा एम्स गोरखपुर, पहले इस प्रोजेक्ट के लिए किया था इनकार; अब बाढ़ और आपातकालीन स्थिति में मिलेगा लाभश्रीराम मंदिर के लिए नेपाली नौकर बन गए शिवजी सिंह, कारसेवकों को छिपाया; पहचान छिपाकर मंदिर आंदोलन को नेपथ्य से दी धार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।