कुशीनगर में पथराव मामले में थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, छापेमारी जारी; सात और उपद्रवी गिरफ्तार
कुशीनगर में पथराव के मामले में 17 नामजद व 25 अज्ञात के विरुद्ध पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर उपद्रवियों ने पथराव किया था। वहीं मामले में एसपी ने पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। उनका कहना है कि संवेदनशील मौके पर थानेदार और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने गंभीरता नहीं बरती जिससे उपद्रवी तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।
जागरण संवाददाता, कुशीनगर। ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर कसया में गुरुवार को निकाले गए जुलूस के दौरान हेट स्पीच का आडियो प्रसारित करने व हिंदू घर पर हुए पथराव के मामले में लापरवाही बरतना थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ा। एसपी धवल जायसवाल ने पांचों को लाइन हाजिर कर दिया है। एसपी ने बताया कि इस संवेदनशील मौके पर थानेदार और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने गंभीरता नहीं बरती, जिससे उपद्रवी तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर एसएचओ कसया आशुतोष तिवारी, हाईवे चौकी इंचार्ज शशांक राय, दारोगा धीरेंद्र वर्मा तथा कांस्टेबल दिवाकर मिश्र व जितेंद्र खरवार को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इस मामले में दर्ज मुकदमे के बाद अब तक कुल 27 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
17 नामजद व 25 अज्ञात के विरुद्ध पुलिस ने दर्ज किया है मुकदमा
ईद मीलादुन्नबी के जुलूस के दौरान गुरुवार को हिंदू घर पर पथराव व उपद्रव करने के मामले में पुलिस ने 14 नामजद व अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। कार्रवाई करते हुए 12 आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया था। देर रात सीसी कैमरे के फुटेज के आधार पर पहचान होने पर पुलिस ने 17 को नामजद किया तो 25 अज्ञात को आरोपित बनाया। 19 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गया है।
इनको किया गया गिरफ्तार
पकड़े गए आरोपितों में पिपरहियां के अमन अंसारी, इब्राहिम अंसारी, इरफान सिद्दीकी, आफताब अंसारी, अनस अंसारी, इमरान खान, वलीउल्लाह, राम जानकी नगर वार्ड के रेहान अंसारी, मसीउल्लाह खान, खातिब खान, सैफ खान, शब्बीर अहमद, साहिब अंसारी, भैसहां के नौका टोला के आरिफ अंसारी, वसीम अंसारी, नूरआलम अंसारी, अली अंसारी, नन्हे अंसारी व प्रेमनगर चौराहा के अशफाक अंसारी शामिल हैं।
अन्य को दबोचने के लिए दबिश दे रही पुलिस
अन्य की गिरफ्तारी को लेकर दबिश दी जा रही है। शुक्रवार को नगर में स्थिति सामान्य दिखी। रोज की तरह दुकान, स्कूल खुले। दिनचर्या सामान्य रही। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन सतर्क दिखा। घटना वाले वार्ड में खास निगरानी रखी जा रही है। पुलिस गश्त कर रही है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा
उपद्रवियों के विरुद्ध पुलिस ने धारा 147, 148, 153 ए, 356, 295 ए, 323 व 7 सीएल एक्ट यानी बलबा, मारपीट, उपासना स्थल को क्षति पहुंचाने, पथराव, लोक सेवक पर हमला आदि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
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बेमतलब साबित हो रहीं शांति समिति की बैठकें
किसी भी पर्व से पूर्व पुलिस व प्रशासन की शांति कमेटी की बैठक होती है। समाज के सभी वर्ग से शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए अपील की जाती है। बावजूद इसके हर जुलूस में प्रतिबंध के बाद भी प्रशासन द्वारा तय किए गए नियम कानून टूट जाते हैं। पुलिस तमाशा देखती है। ऐसे में शांति समिति की बैठकें बेमतलब साबित हो रही हैं। कसया में गुरुवार को ईद मीलादुन्नबी जुलूस के दौरान हुए उपद्रव ने इसको साबित किया है। दुर्गा पूजा, दशहरा, डोल मेला, मोहर्रम, बरावफात, होली आदि हर पर्व से पूर्व थाने में शांति कमेटी की बैठक होती है। इसमें समाज के सभी वर्ग के लोग, आयोजन समिति एवं अखाड़ों को बुलाया जाता है। पर्व को शांति और सौहार्द से मनाने की अपील की जाती है। भड़काउ भाषण, अश्लील नृत्य व गीत, सीमा से अधिक डीजे, डीजे में वाइब्रेशन, सायलेंसर विहीन बाइक, शराब, आर्केस्ट्रा, बड़ा झंडा इन सबको प्रतिबंधित किया जाता है।
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चेताया भी जाता है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अगले दिन जब जुलूस निकलता है तो कमेटी की बैठक में तय किए सभी मानक और नियम टूट जाते हैं। कसया के जुलूस से एक दिन पूर्व थाने पर हुई इसी पीस कमेटी की बैठक में भी यह सारे मानक बताए गए और पालन करने की सख्त हिदायत दी गई। बावजूद इसके जुलूस निकला तो कमेटी में लिए गए निर्णय का पालन नहीं हुआ।
संभ्रांत वर्ग ने बनाई दूरी
किसी भी धार्मिक जुलूसों में फूहड़पन, हुड़दंगई के चलते सभी वर्गों के संभ्रांत लोगों ने ऐसे आयोजनों से दूरी बना ली है, जबकि एक दशक पूर्व सभी वर्गों के वरिष्ठ नागरिक एक-दूसरे के आयोजनों में शरीक होते थे। जुलूस का नेतृत्व कोई प्रबुद्ध व्यक्ति करता था। स्वागत और जलपान तक की व्यवस्था एक-दूसरे के लिए करते थे। जब से आयोजनों का स्वरूप बदला है , लोगों ने दूरी बना ली है।