यूपी के इस जिले में 20 हजार लोगों को मिलेगा मुफ्त बिजली योजना का लाभ, इस तरह ऑनलाइन करें अप्लाई
PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana नेडा के परियोजना अधिकारी बताते हैं कि जो भी सोलर रूफटाप लगाएगा उसको पोर्टल पर पंजीकृत लाभार्थी को बैंक से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। तीन किलोवाट क्षमता तक के सोलर रूफटाप की स्थापना कराने के लिए बैंकों से उपभोक्ता को सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
राकेश मिश्र, लखीमपुर। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) का लाभ घर-घर तक पहुंचाने के लिए सरकार पहल कर रही है। इसके तहत जिले में 20 हजार उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत पोर्टल पर उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू करा दिया है। सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल से मुक्ति मिल जाएगी।
योजना के तहत 300 यूनिट की बिजली के साथ ही उपभोक्ताओं को केंद्र एवं राज्य सरकार की सब्सिडी दी जा रही है। घरेलू उपभोक्ता अपने स्वीकृत विद्युत भार एक से 10 किलोवाट तक का सोलर रूफटॉप लगा सकते हैं।
नान डीसीआर पैनल लगाने पर उपभोक्ता सब्सिडी का पात्र नहीं होगा, लेकिन उनके आवेदन भी पोर्टल पर स्वीकार्य होंगे। वाणिज्यिक उपभोक्ता को सब्सिडी देय नहीं होगी। एक से दो किलोवाट विद्युत भार तक के घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर रूफटाप प्लांट लगाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।
यह है अनुमानित कीमत और अनुदान
एक किलोवाट के सोलर रूफटॉप प्लांट की स्थापना पर लाभार्थी का अनुमानित व्यय 60 हजार रुपए आता है। इस पर 45 हजार का अनुदान है। दो किलोवाट पर 1.20 लाख और तीन किलो वाट पर 1.80 लाख रुपए आता है। इस पर 90 हजार और 1.08 लाख का अनुदान है।नेडा के परियोजना अधिकारी बताते हैं कि जो भी सोलर रूफटाप लगाएगा, उसको पोर्टल पर पंजीकृत लाभार्थी को बैंक से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। तीन किलोवाट क्षमता तक के सोलर रूफटाप की स्थापना कराने के लिए बैंकों से उपभोक्ता को सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। जिले में यूपी नेडा मुख्यालय से जिले के लिए दो कंपनियों को अधिकृत किया गया है।
बिजली मीटर बदलकर लगेगा नेट मीटर
आनग्रिड सोलर पावर प्लांट लगाने के बाद उपभोक्ता का बिजली मीटर बदलकर नेट मीटर लगाया जाता है। नेट मीटर में सोलर पावर प्लांट से प्रतिदिन उत्पादित बिजली रिकार्ड होती है। विद्युत विभाग से माह के अंत में बिजली की रीडिंग से सोलर के बिजली की रीडिंग घटाकर बिजली बिल बनाया जाता है। इससे उपभोक्ता को बिजली बिल कम देना पड़ता है।
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