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Bhai Dooj 2024: यूपी में कैदी भाईयों से मिल सकेंगी बहनें, मनाएंगे भाई दूज; आधार कार्ड लाना है जरूरी

भाई दूज के अवसर पर लखीमपुर जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है। इस साल केवल महिलाओं और उनके साथ सात साल तक के बच्चों को ही जेल में बंद अपने भाइयों से मिलने की अनुमति होगी। पुरुषों को इस दिन मुलाकात करने की अनुमति नहीं होगी। महिलाओं को अपना आधार कार्ड साथ लाना अनिवार्य है। जेल में सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक मुलाकात का समय रहेगा।

By rakesh mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 02 Nov 2024 06:01 PM (IST)
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यूपी में कैदी भाईयों से मिल सकेंगी बहनें - प्रतीकात्मक तस्वीर।
संवाद सूत्र, लखीमपुर। भाई दूज पर जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की है। सिर्फ महिलाएं व उनके साथ सात वर्ष तक के बच्चे ही जेल में बंद अपनों से मिलकर भैया दूज मना सकेंगी। वहीं इस दिन पुरुष मिलाई नहीं कर सकेंगे। महिलाओं को अपना आधार कार्ड अनिवार्य रूप से लाना होगा, तभी उन्हें जेल में प्रवेश करने दिया जाएगा। जिला कारागार में रविवार को सुबह आठ बजे से महिलाओं को जेल में प्रवेश करने दिया जाएगा।

वर्तमान में जेल में करीब 800 कैदी हैं। लिहाजा जेल प्रशासन ने सिर्फ महिलओं व उनके साथ आए सात वर्ष तक के बच्चों को ही मिलाई करने देने का निर्णय लिया है, जिससे महिलाएं भाई दूज त्यौहार आराम से मना सकें। एक बार में 50 से 70 महिलाओं को मिलाई करने के लिए भेजा जाएगा।

शाम चार बजे तक चलेगी मिलाई 

इस तरह यह मिलाई का दौर शाम चार बजे तक चलेगा। ताकि भाई दूज पर अधिकांश बहनों को अपने भाइयों के तिलक लगाने और उन्हें मिठाई खिलाने का मौका मिले। इसलिए सिर्फ महिलाओं को ही जेल में प्रवेश मिलेगा। जेल प्रशासन द्वारा आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की गई है, जिससे मिलाई करने आई किसी महिला को कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर तुरंत उपचार कराया जा सके।

भैया दूज पर सिर्फ महिलाओं को मिलाई करने दिया जाएगा। पुरूषों को मिलाई करने की अनुमति नहीं है। महिलाओं के साथ सिर्फ सात वर्ष तक के बच्चे ही अंदर जा सकेंगे। मिलाई के लिए आने वाली महिलाओं को अपना आधार कार्ड लाना अनिवार्य है। - हरिवंश कुमार पांडेय, जेलर, जिला कारागार

बहनें करेंगी भाइयों के लंबी उम्र की कामना

दीपावली के बाद भैया दूज को लेकर भाइयाें व बहनों में जबरदस्त उत्साह है। कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाने वाला बहन-भाई के अटूट प्रेम का प्रतीक यम द्वितीया (भाई दूज) रविवार को है। इस दिन बहनें भाईयों को भुरकी, लइया-गट्टा व मिष्ठान्न खिलाकर उनके दीर्घायु हाेने की कामना करेंगी। इसी दिन चित्रांश परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त व कलम-दवात का पूजन करेंगे। इसके बाद लेखन कार्यों की शुरुआत की जाएगी।

यमराज-यमुना से जुड़ा है त्योहार का इतिहास

पंडित प्रदीप तिवारी के मुताबिक पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्रेम करते थे। ज्यादा काम होने की वजह से अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे। एक दिन यमराज अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने उनके यहां पहुंचे। भाई को आते देख यमुना को बहुत खुशी हुई और भाई को तरह-तरह का स्वादिष्ट व्यंजन खिलाकर खूब सत्कार किया।

अपनी बहन से मिलने के बाद यमराज यमुना से विदा लेने लगे। तब यमराज ने अपनी बहन से खुश होकर वरदान मांगने को कहा। उनके आग्रह को देखते हुए यमुना ने कहा कि अगर आप मुझे वरदान देना चाहते हैं, तो यही वरदान दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरे आतिथ्य को स्वीकार करें। कहा जाता है कि इसके बाद हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाने लगा।

भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। सामूहिक कलम दवात पूजन आज -श्री चित्रगुप्त सभा के तत्वावधान में पूरबटोला स्थित चित्रगुप्त मंदिर में सामूहिक कलम दवात पूजन का आयोजन रविवार को किया जाएग। सभा के महामंत्री राधिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि सामूहिक कलम दवात पूजन एवं हवन-आरती के बाद सभा की वार्षिक बैठक होगी। शाम चार बजे सामूहिक चित्रांश भोज का आयोजन होगा।

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