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यूपी में सड़क चौड़ीकरण के लिए गरजा बुलडोजर, दुकानदारों की हो गईं सांसें तेज; पक्के निर्माण भी तोड़े

लखीमपुर में सड़क चौड़ीकरण के लिए चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान में बुलडोजर गरजे। पुलिस बल मौजूद नहीं होने के बावजूद पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के अधिकारियों को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। अभियान के दौरान मेला मैदान चौराहे पर दिनभर जाम लगा रहा। अधिशासी अभियंता हंसाराम ने बताया कि यह सड़क मौजूदा समय में सात मीटर चौड़ी है जिसे 10 मीटर चौड़ा किया जाना है।

By swetank shankar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 27 Sep 2024 06:04 PM (IST)
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अभियान की वजह से सड़क पर वाहनों की लंबी जाम: जागरण

संवाद सूत्र, लखीमपुर। सड़क चौड़ीकरण के लिए गुरुवार को शहर के मेला मैदान चौराहे पर अतिक्रमण अभियान चलाया गया। खास बात यह रही कि अभियान के दौरान पुलिस फोर्स मौजूद नहीं थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के अधिकारियों को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।

सुबह करीब 10 बजे पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता हंसराम विभागीय अधिकारियों के साथ व अतिक्रमण हटाने के लिए नामित मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार मौके पर पहुंचे तो बुलडोजर देखकर पटरी दुकानदार सबसे पहले अतिक्रमण हटाने लगे। दुकानदारों में उस समय अपरा-तफरी मच गई जब उन्हें लगा कि अभियान चलाया जाएगा। बुलडोजर से अतिक्रमण हटाने के साथ ही पक्के निर्माण भी तोड़े गए।

अधिशासी अभियंता हंसाराम ने बताया कि यह सड़क मौजूदा समय में सात मीटर चौड़ी है, जिसे 10 मीटर चौड़ा किया जाना है। अतिक्रमण के कारण सड़क चौड़ीकरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। गुरुवार को बजरंग पैलेस के सामने से लेकर पुराना पलिया बस अड्डा तक अतिक्रमण हटाया गया। शुक्रवार को भी अभियान जारी रहेगा और संकटा देवी चौराहे तक के निर्माण तोड़े जाएंगे।

पुलिस की गैर मौजूदगी से असमंजस में फंसे थे अधिकारी

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के नामित मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ही मौके पर मौजूद थे। कोतवाली पुलिस या अन्य रिज़र्व फोर्स वहां पर मौजूद नहीं थी। इस वजह से अधिकारी भी असमंजस या यह कहें कि सहमे हुए थे। गनीमत यह रही कि पुलिस की गैर मौजूदगी के बावजूद पूरा अभियान दिनभर शांतिपूर्वक निपट गया और विरोध का सामना भी नहीं करना पड़ा।

सामंजस्य की कमी दिखी अधिकारियों में

निघासन रोड के चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाना बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। सुबह के समय अधिकारियों को यह डर था कि कहीं विरोध के चलते पथराव जैसी घटना न हो जाए। विरोध से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने पहले ही एसडीएम अश्विनी सिंह से मिलकर अतिक्रमण हटाने के लिए तारीख तय कर ली थी, लेकिन गन्ना समिति के चुनाव के चलते पुलिस फोर्स व्यस्त थी।

जिम्मेदार अधिकारियों को यह पहले से पता था कि 26 सितंबर को गन्ना समितियां पर चुनाव होना है तो आखिर यह तिथि ही क्यों चुनी गई। पूरे अभियान के दौरान अधिकारियों में समन्वय देखने को नहीं मिला। पीडब्ल्यूडी अधिकारी इस बात से हतप्रभ थे कि मौके पर पुलिस नहीं आई है। अगर पुलिस दूसरी व्यवस्थाओं में व्यस्त थी तो पहले ही अभियान को डाला जा सकता था, लेकिन अधिकारियों में समन्वय की कमी के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई।

अभियान से दिनभर लगा रहा जाम

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सबसे व्यस्त मेला मैदान चौराहे पर दिनभर जाम लगा रहा। लोगों को एक से डेढ़ घंटे तक जाम में जूझना पड़ा। जाम में एंबुलेंस तक फंस गई। हैरान करने वाला यह था कि लोग घंटों जाम में फंसे रहे, लेकिन ट्रैफिक पुलिस कहीं नजर नहीं आई। सड़क पर जाम लगने की वजह से लोग गलियों में भटकते नजर आए।

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