'मैंने तो जमीन खरीदी...' बुलडोजर चलने पर तपती धूप के नीचे आए परिवार, CM Yogi के आदेश का भी नहीं हुआ पालन
प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की तो एक नहीं कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। वह कहां जाएं? इस सवाल के लेकर अब एक पीड़ित जरूरतमंद असमत अली ने भीरा थाने में एक शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है जिसमें उन्होंने बताया कि उसने करीब दस वर्ष पूर्व सफीकू पुत्र रसूल से गांव में ही रहने योग्य जमीन चार लाख रुपए में जमीन खरीदी थी।
संवाद सूत्र, बिजुआ (लखीमपुर)। प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की तो एक नहीं कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। वह कहां जाएं? इस सवाल के लेकर अब एक पीड़ित जरूरतमंद असमत अली ने भीरा थाने में एक शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है जिसमें उन्होंने बताया कि उसने करीब दस वर्ष पूर्व सफीकू पुत्र रसूल से गांव में ही रहने योग्य जमीन चार लाख रुपए में जमीन खरीदी थी।
उस व्यक्ति ने उसके साथ धोखाधड़ी करते हुए ग्राम पंचायत में आबादी की जमीन बता कर उसके हाथ बेच दी थी। उसके बाद रविवार को वह घर पर भी नहीं था और उसके बच्चे घर पर थे। अचानक जेसीबी और सरकारी कर्मचारियों के साथ उसकी झोपड़ी नुमा घर को गिराया जाने लगा पीड़ित असमत का कहना है कि कानूनन किसी भी व्यक्ति को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए उसे नियमानुसार प्रथम,द्वितीय उसके बाद अंतिम नोटिस का प्रावधान है लेकिन उसे महज एक ही नोटिस देने के बाद अधिकारियों ने उसकी झोपड़ी पर कार्रवाई कर दी।
ये है सीएम आदेश
प्रदेश के मुखिया का आदेश है कि भूमिहीन व किसी गरीब को ऐसी स्थिति में विस्थापित करने के बाद ही नियमानुसार कार्यवाही की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ ऐसी हालत में पीड़ित परिवार अपने बच्चों सहित खुले आसमान के नीचे आ गया है ।भूमिहीन असमत का परिवार तपती धूप में काट रहा दिन
भूमिहीन है और सिलाई का काम करके जैसे तैसे परिवार का भरण पोषण कर रहा था। छप्पर नुमा घर में परिवार के साथ गुजर हो रही थी। अब खुला आसमान ही उसके परिवार का सहारा बचा है। ऐसे में तपती दुपहरी चिलचिलाती धूप में बच्चे के लिए दो वक्त की रोटी के लिए इंतजाम करना बमुश्किल साबित हो रहा है।
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