जागरण संवाददाता, लखीमपुर। जिले के राजापुर गांव के निवासी वर्ष 2010 से आवास विकास परिषद द्वारा किए जा रहे अनैतिक भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अनवरत संघर्ष कर रहे हैं। लगभग 14 वर्षों से जारी इस संघर्ष में ग्रामवासियों ने न्याय और सहायता के लिए हर संभव प्रयास किया, किन्तु शासन, प्रशासन, और सरकार से केवल आश्वासन ही मिले, कोई ठोस मदद नहीं प्राप्त हुई।
यह जानकारी राजापुर भूमिधर किसान संगठन के अध्यक्ष गौरव सेठ ने पत्रकारों से बात चीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत किसान भूमि हो रहा है। आवास विकास उनकी भूमि के अधिग्रहण के प्रयास में लगा हुआ है। किसान जमीन देना नहीं चाहता और आवास विकास जमीन लेने का प्रयास कर रही है। मुआवजे 17.91 स्क्वायर फीट किधर से आवास विकास दे रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीद
उपाध्यक्ष सुबोध यादव ने कहा कि वर्ष 2020 में भी आवास विकास में मुआवजा ट्रेजरी में जमा कर दिया था लेकिन किसी भी किसान ने उसे मुआवजे की धनराज को नहीं लिया है। बसपा और सपा की सरकारों में भी किसानों ने इस मुद्दे को उठाया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि किसान जमीन किसी कीमत पर नहीं देगा इसके लिए अपनी जान जरूर दे देंगे।
ग्रामवासियों को अब यह विश्वास हो गया है कि आवास विकास परिषद द्वारा किए जा रहे अन्याय के खिलाफ इस संघर्ष में सरकार और प्रशासन का रवैया किसी भी प्रकार से सामाजिक न्याय संगत नहीं है।
उनका उद्देश्य किसी भी प्रकार से ग्रामवासियों की भूमि का अधिग्रहण करना ही प्रतीत होता है।
यह संगठन 15 अगस्त 2024 को अपने मूर्त रूप में आएगा और ग्रामवासियों के न्याय के लिए इस संघर्ष को तब तक जारी रखेगा जब तक किसानों की भूमि आवास विकास परिषद द्वारा अवमुक्त नहीं कर दी जाती। संगठन का उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में किसी भी माध्यम से किसानों का उत्पीड़न न हो सके।
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