Indo-Nepal Border : इंतजार खत्म; भारत-नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण की बाधा दूर; दुधवा के पास बनेगा फ्लाईओवर
जंगल में वन्यजीवों का रास्ता बाधित न हो इसके लिए अंडर पास के स्थान पर फ्लाईओवर बनेगा। 27 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान के अधिकारियों के बीच एक बैठक दिल्ली में हुई जिसमें इस बात पर सहमति बनी हैसशस्त्र सीमा बल की गश्त को सुगम बनाने की दृष्टि से बार्डर विकास परियोजना को वर्ष 2010 में मंजूरी मिली थी।
By vikas sahayEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Tue, 22 Aug 2023 05:00 PM (IST)
इकबाल अहमद मंसूरी, खजुरिया (लखीमपुर): INDO-NEPAL BORDER बार्डर विकास परियोजना के अंतर्गत इंडो-नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण कार्य को वर्ष 2010 में मंजूरी दी गई थी। पर वन विभाग व भारतीय वन्यजीव संस्थान की आपत्ति के बाद निर्माण कार्य वर्ष 2018 में रोक दिया गया था। पांच वर्ष बाद अब सड़क निर्माण में आने वाली रुकावट दूर कर ली गई है।
अंडर पास की जगह अब बनेगा फ्लाई ओवर
जंगल में वन्यजीवों का रास्ता बाधित न हो इसके लिए अंडर पास के स्थान पर फ्लाईओवर बनेगा। 27 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय, वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान के अधिकारियों के बीच एक बैठक दिल्ली में हुई जिसमें इस बात पर सहमति बनी है। इंडो-नेपाल सीमा की सुरक्षा बढ़ाने और सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल की गश्त को सुगम बनाने की दृष्टि से बार्डर विकास परियोजना को वर्ष 2010 में मंजूरी मिली थी।
2018 में रोक दिया गया था काम
इसके अंतर्गत पीलीभीत, लखीमपुर-खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज तक 640 किमी. सड़क का निर्माण होना था। वर्ष 2013 से कार्य भी शुरू कर दिया गया था। खीरी के शारदापुरी से एसएसबी कैंप बिशेनपुरी तक 22किमी. सीसी रोड का निर्माण और पीलीभीत जिले के शारदापुरी से राघवपुरी गांव के पास तक 2.8किमी. डामर सड़क का निर्माण पूरा हो भी गया है। आगे की भूमि पर वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान की आपत्ति के बाद 2018 में निर्माण रोक दिया गया था।वन विभाग व भारतीय वन्यजीव संस्थान ने परियोजना के प्रारूप पर सवाल खड़ा किया था। कहा था कि सातों जिलों में वन्यजीवों के अधिकता वाले 13 स्थानों पर अंडरपास का प्रस्ताव उचित नहीं है। अब दिल्ली में हुई समन्वय बैठक में तय हुआ कि 13अंडरपास के स्थान पर आठ फ्लाईओवर बनाए जाएंं जिससे वन्यजीव अपने मूल रास्ते पर विचरण करते रहेंगे।एक फ्लाईओवर दुधवा पार्क के पास और शेष सातों फ्लाईओवर के स्थान तय कर दिए गए हैं। अधिशासी अभियंता संजीव कुमार जैन ने का कहना है कि बैठक में यह भी तय हुआ कि जंगल के बीच से होकर जाने वाली सड़क 3.75 मीटर चौड़ी होगी। इसकी चौड़ाई इस लिए सीमित रखी जाये ताकि अधिक वृक्ष न काटने पड़े। जिन स्थानों पर वन क्षेत्र न हों वहां सड़क कि चौड़ाई सात मीटर रखी जाए। कार्य पूरा करने के लिए 394 करोड़ रूपये खर्च होने का डीपीआर बनाकर गृहमंत्रालय को भेजी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
संजीव कुमार जैन अधिशासी अभियंता निर्माण खंड 2, इंडो-नेपाल बार्डर पीलीभीत ने बताया कि दिल्ली में हुई बैठक में कई विंदुओं पर सहमति बन गई है। पीलीभीत जिले के अंतर्गत नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण की डीपीआर भेज दी गई है। सहमति आने के बाद अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया जाएगा और उसकी स्वीकृति के बाद निर्माण शुरू कर दिया जायेगा।
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