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यूपी में इस हाईवे पर 10 दिन में हुई चार मौतें, दो किलोमीटर के दायरे में ही खून से रंग रहा मार्ग; आसपास के लोग दहशत में

अधिकांश घटनाएं बुग्गी या ट्राली में टकराने से हो रही हैं। दूसरी बजह हेलमेट न लगाना भी है। रेडियम पट्टी व हेलमेट न लगाना भी बड़ी बजहसड़क दुर्घटनायों की अधिकतर घटनाएं चालकों के द्वारा हेलमेट न लगाने या फिर वाहनों में रेडियम पट्टी ना लगे होने के मामले सामने आ रहे हैं। उपरोक्त घटनाओं में भी इसी तरह के कारण निकलकर सामने आ रहे हैं।

By rakesh mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 05 Mar 2024 12:43 PM (IST)
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10 दिन में हुई चार मौतें, दो किमी के दायरे में ही खून से रंग रहा मार्ग

संवाद सूत्र, ममरी (लखीमपुर)। गोला- शाहजहांपुर स्टेट हाईवे पर 10 दिनों में दो किलोमीटर की दूरी में एक एक कर चार युवकों की असमय मौतों से मार्ग एक बार फिर रक्त रंजित हो गया है।  दरअसल हैदराबाद क्षेत्र में उक्त हाईवे पर ममरी से लेकर ग्राम मूड़ाभाई तक दो किलोमीटर की एरिया को दुर्घटना बाहुल्य इलाका रोड विभाग ने लिखा पड़ी में दर्शाया है। लोग दहशत में हैं। 

यहां सर्वाधिक दुर्घटना के मामले सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार विगत 10 दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो ग्राम बुधेली नानकार निवासी 30 वर्षीय विकास कुमार की मौत धिराबा के पास, हैदराबाद निवासी 25 वर्षीय मून वर्मा की मौत गोविंदापुर के पास, कैमा निवासी 32 वर्षीय विपिन वर्मा की मौत गोविंदापुर के पास व ग्राम कैथोला निवासी 19 वर्षीय विकास कुमार की मौत मूड़ा भाई के निकट हुई हैं। इतने ही लोग गम्भीर घायल हुए हैं।

अधिकांश घटनाएं कैसे रहो रहीं?

अधिकांश घटनाएं बुग्गी या ट्राली में टकराने से हो रही हैं। दूसरी बजह हेलमेट न लगाना भी है।  रेडियम पट्टी व हेलमेट न लगाना भी बड़ी बजह सड़क दुर्घटनायों की अधिकतर घटनाएं चालकों के द्वारा हेलमेट न लगाने या फिर वाहनों में रेडियम पट्टी ना लगे होने के मामले सामने आ रहे हैं। उपरोक्त घटनाओं में भी इसी तरह के कारण निकलकर सामने आ रहे हैं।

दुर्घटनाओं को रोकने के क्रम में न हीं तो परिवहन विभाग के अधिकारी संजीदगी दिखा पा रहे हैं। वाहन चालक भीअपने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। अधिकांश मौतें गन्ना वाहनों से होती हैं। चीनी मिल और परिवहन अधिकारी मिल चलने पर काम चलाऊ अस्थाई रेडियम पट्टी लगा कर इति श्री कर लेते हैं। जो पट्टी कुछ ही दिनों में छूट जाती हैं। किसान संवेदनहीन होकर वाहन और बुग्गी दौड़ाने लगते हैं।