भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हर जिले में एक महिला हितैषी ग्राम पंचायत की तलाश की जा रही है जहां महिला ग्राम प्रधान हों। इस पंचायत में शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा सहित 30 बिंदुओं पर काम किया जाएगा जिनमें महिला शिक्षा सुरक्षा महिला अपराध बच्चों की शिक्षा शामिल हैं ।
जागरण संवाददाता, लखीमपुर। अमूमन यह होता है कि महिला सीट पर पत्नी को चुनाव जिताकर उनके पति ग्राम पंचायत से लेकर ब्लाक कार्यालय तक रौंब गांठते हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए पंचायतों में सीटों को आरक्षित किया जाता है, लेकिन महिलाएं घूंघट की ओट तक ही सिमट कर रह जाती हैं। यह बात भारत सरकार को भी पता है। इसलिए भारत सरकार ने हर जिले में महिला हितैषी ग्राम पंचायत की तलाश कर रही है।
निदेशक पंचायती राज ने निर्देश जारी किया है कि जिले की एक ग्राम पंचायत महिला हितैषी चुनी जाएगी। उन्होंने ऐसी एक ग्राम पंचायत को चिन्हित कर नाम मांगा है, जहां महिला ग्राम प्रधान हो। महिला हितैषी ग्राम पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा सहित कई बिंदुओं पर काम कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के आवेदन में की नौ थीम में भी महिला हितैषी ग्राम पंचायत है।
ग्राम पंचायत को महिला हितैषी ग्राम पंचायत बनाने की तैयारी शुरू
अब एक ग्राम पंचायत को महिला हितैषी ग्राम पंचायत बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
डीपीआरओ विशाल सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने सभी जिलों की एक-एक ग्राम पंचायत को महिला हितैषी ग्राम पंचायत के रूप में चयनित कर ग्राम पंचायत का पूरा विवरण मांगा है। इसमें जिले का नाम, ब्लाक का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, प्रधान का नाम, मोबाइल नंबर, सचिव का नाम और प्रधान व सचिव की ई-मेल, आईडी आदि का विवरण शामिल रहेगा।
डीपीआरओ ने बताया कि ग्राम पंचायत का चयन कर जल्द ही नाम भेजा जाएगा। उनके मुताबिक, ऐसी ग्राम पंचायत को चुना जाना है, जिसकी प्रधान महिला हो, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय कार्यशाला, बैठकों में प्रतिभाग करती हो। ऐसे में ऐसी महिला प्रधान का चयन किया जाएगा जो खुद ही आने-जाने में सक्षम हो, ग्राम पंचायत के सभी काम खुद ही कर रही हो। महिला हितैषी ग्राम पंचायत में 30 बिंदुओं पर फोकस करते हुए काम कराए जाएंगे। इसमें महिला शिक्षा, सुरक्षा, महिला अपराध, बच्चों की शिक्षा सहित अन्य बिंदु शामिल हैं।
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