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Lakhimpur Kheri News: अवैध वसूली करने वाले कानूनगो पर ग‍िरी गाज, DM ने क‍िया सस्‍पेंड

यूपी के लखीमपुर खीरी में तहसील में तैनात परगना औरंगाबाद क्षेत्र के कानूनगो को डीएम ने सस्‍पेंड कर द‍िया है। क‍िसान ने कानूनगो पर पैमाइश करने के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल क‍िया था। एसडीएम मितौली विनीत उपाध्याय ने बताया कि जांच में परगना औरंगाबाद के कानूनगो दोषी पाए गए है ज‍िसपर निलबंन की कार्रवाई की गई है।

By Dharmesh Kumar Shukla Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 09 Aug 2024 04:05 PM (IST)
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अवैध वसूली करने वाला कानूनगो सस्‍पेंड।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

सवांद सूत्र, मितौली (लखीमपुर)। तहसील में तैनात परगना औरंगाबाद क्षेत्र के कानूनगो को डीएम ने निलंबित कर दिया है। कानूनगो पर पैमाइश करने के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप एक किसान ने लगाया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। वहीं, जांच में लेखपाल निर्दोष साबित हुए हैं।

बीते 29 जुलाई को मैगलगंज क्षेत्र के गांव मोहब्बतनगर के रहने वाले किसान ब्रजेश कुमार ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देकर क्षेत्रीय कानूनगो राजकुमार मौर्या, लेखपाल जीवन लाल पर पैमाइश के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायती पत्र दिया गया था। किसान ने ही कानूनगो राजकुमार मौर्या का अवैध वसूली करने एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया था।

क‍िसान लगाया था आरोप 

शिकायती पत्र में किसान ने बताया कि गाटा संख्या 34 का रकबा 0.542 हैक्टेयर भूमि पर सन 2015 से एक ट्यूबवेल कनेक्शन चल रहा था, जिसमें पक्का कुंआ व टीन शेड पड़ी थी, लेक‍िन पड़ोसी किसान राजकुमार व अरुण कुमार ने ब्रजेश की उस जमीन को चकमार्ग में बताया, जिसकी कई बार पैमाइश हुई, लेकिन ट्यूबवेल वाली जमीन ब्रजेश के खेत में निकली। जब विपक्षी किसानों ने पैमाइश करने को कहा तो लेखपाल व कानूनगो ने ट्यूबल को अवैध बताकर उसे बचाने के लिए 35 हजार रुपये की मांग की। दस हज़ार रुपये लेखपाल व 15 हज़ार कानूनगो राजकुमार मौर्या को दिए।

लेखपाल न‍िर्दोष साब‍ित 

शेष बची रकम न मिलने से नाराज कानूनगो ने गलत तरीके से नपाई कर दी और ट्यूबल व उस पर पड़ी टीन शेड को नष्ट करवाकर दिया, जिसकी कोई नोटिस किसान को नहीं दी गई। वहीं, एसडीएम मितौली विनीत उपाध्याय ने बताया कि जांच में परगना औरंगाबाद के कानूनगो दोषी पाए गए है। निलबंन की कार्रवाई की गई है। वहीं, लेखपाल के ऊपर लगे आरोपों के कोई ऐसे सुबूत नहीं मिले हैं, जिससे वह निर्दोष साबित हुए हैं।

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