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    वैन का बीमा था न फिटनेस, ओवरलोडिंग कर सड़क पर दौड़ रही थी; खीरी में 6 मौतों का जिम्मेदार कौन?

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 10:20 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी में तेज रफ्तार और पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के चलते एक दर्दनाक हादसे में छह लोगों की जान चली गई। सड़क निर्माण के दौरान रूट डायवर्जन के संकेतकों की कमी के कारण वैन बस से टकरा गई। वैन बिना फिटनेस और बीमा के चल रही थी और उसमें क्षमता से अधिक सवारियां भरी हुई थीं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह दुखद घटना हुई।

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    तेज रफ्तार से थम गया मासूम सहित छह की जिंदगी का सफर।

    जागरण संवाददाता, लखीमपुर। एक बार फिर तेज रफ्तार ने मासूम सहित छह लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। इसका एक वजह पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों की लापरवाही भी है, क्योंकि सड़क निर्माण के दौरान जिम्मेदारों का एक तरफ से ही रूट डायवर्जन के संकेतक लगाया जाना बताया जाता है।

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    दूसरी तरफ संकेतक का न लगा होना भी हादसे का कारण बन गया। हालांकि घटना के बाद विभागीय जिम्मेदारों ने आनन फानन में संकेतक लगवा दिए, जो लोगों में चर्चा का विषय का बन गया। राहगीरों का कहना था कि यदि अधिकारी पहले चेत जाते तो इन लोगों की मौत् न होती।

    ओयल और हरगांव के बीच पीडब्ल्यूडी हाइवे का निर्माण करवा रहा है। बताया जाता है कि ओयल से सीतापुर की तरफ जाने पर जहां पर रोड बन रही है वहां पर तो रूट डायवर्जन के लिए संकेतक लगा दिए, लेकिन सीतापुर से ओयल आते समय संकेतक आदि न लगे होने के कारण वाहन वैन तेज रफ्तार में चली आ रही थी जो बस से टकरा गई।

    राहगीरों का कहना है यदि संकेतक लगाए गए होते तो शायद वैन चालक रफ्तार कम कर लेता, जिससे हादसा न होता और मासूम सचित छह लोगों की जान न जाती।

    बिना फिटनेस व बीमा के दौड़ रही थी वैन

    जो वैन इन 15 लोगों को लखनऊ से लेकर लखीमपुर आ रही थी उसका न तो बीमा था और न ही फिटनेस, यह दोनो कई माह पहले समाप्त हो चुके थे। वैन संख्या यूपी 32 जेएस 4961 वीरेंद्र कुमार के नाम पंजीकृत है, जिसका रजिस्ट्रेशन 31 मार्च 2018 हो हुआ था।

    इसका फिटनेस 26 दिसंबर 2023 तक और बीमा छह मार्च 2025 तक ही था। इस वैन पर करीब 14 हजार रूपये का जुर्माना लगा है। इसके बावजूद वैन का रफ्तार भरना अधिकारियों की लापरवाही दर्शाता है।

    दो से तीन सौ रूपये किराए में बैठाली थी 15 सवारियां

    वैन में कुल 15 लोग सवार थे, जिनमें दो साल का एक मासूम भी था। बताते हैं कि जिस वैन में 15 लोगों को बैठाला गया था, उसमें मात्र सात से आठ लोग ही बैठ सकते हैं।

    जिला अस्पताल में भर्ती कुछ यात्रियों ने जहां दो सौ रूपये देना बताया तो कुछ ने तीन सौ रूपये देना बताया। यात्रियों ने बताया कि सुबह करीब तीन बजे लखनऊ से वैन में सवार हुए थे। जल्दी के चक्कर में चालक तेज रफ्तार से वैन चला रहा था।

    आरएम बोले ओवरस्पीड व संकेतक न लगे न होना बना हादसे की वजह

    रोडवेज की अनुबंधित बस से वैन की टक्कर और इसमें छह लोगों की मौत की सूचना पर परिवहन निगम हरदोई क्षेत्र के आरएम रमेश कुमार, जिले की नोडल अमरीन अख्तर एवं एआरएम गीता सिंह भी मौके पर पहुंची।

    आरएम ने बताया कि रोड निर्माण के दौरान संकेतक करीब पांच सौ मीटर पहले लगाए जाने चाहिए थे। वह भी दोनों तरफ। मगर, संकेतक सिर्फ ओयल से सीतापुर की ओर जाने वाले रास्ते पर ही लगाए गए, जबकि सीतापुर से ओयल आने वाले रास्ते पर लगाए ही नहीं। यदि उस तरफ भी संकेतक लगे होते तो शायद हादसा न होता।