कस्तूरी उत्पादन से आत्मनिर्भर बनेंगे नेपाल के ग्रामीण
शास्त्रों में वर्णित मनमोहक सुगंध वाली कस्तूरी का
By JagranEdited By: Updated: Mon, 14 Dec 2020 10:45 PM (IST)
लखीमपुर : शास्त्रों में वर्णित मनमोहक सुगंध वाली कस्तूरी का व्यवसायिक उत्पादन करने के लिए नेपाल ने प्रयास शुरू किया है। इसके लिए जनपद जाजरकोट के बारेकोट गांव के रानीचौर में कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र की स्थापना का कार्य चल रहा है। यहां से कस्तूरी मृगों का पालन करने के लिए ग्रामीणों को उनके शावक उपलब्ध कराए जाएंगे।
नेपाल के वन तथा पर्यावरण मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत की पहल पर कस्तूरी उत्पादन के लिए मृग पालने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। रानीचौर में कस्तूरी प्रजनन केंद्र के लिए नेपाल सरकार ने अनुमति दे दी है और उसके निर्माण का काम भी चल रहा है। सरकार ने 3.50 करोड़ रुपये राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण कोष से भवन निर्माण के लिए जारी कर दिए हैं। इससे निर्माण कार्य जोरों से शुरू हो गया है। यह क्षेत्र वनमंत्री का गृहनगर भी है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों के अलावा काला हिरन, कश्मीरी हिरन, अल्पाइन हिरन व हिमालयी हिरन सहित चार प्रकार के कस्तूरी मृग पाए जाते हैं। कस्तूरी मृग पालने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए एक लाख रुपये की फीस निर्धारित की गई है। नर कस्तूरी मृग के लिए 75 हजार रुपये जमा करना होगा। रानीचौर में 2100 वर्गमीटर क्षेत्र में केंद्र बन रहा है। कस्तूरी मृगों के लिए यह जगह उनके प्राकृतिक वासस्थल जैसी है और यहां का तापक्रम भी उनके अनुकूल है। यहां पर नर तथा मादा मिलाकर करीब 20 कस्तूरी मृग रखने की योजना है। यहां का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहता है, जो कस्तूरी मृग के प्रजनन के लिए वाजिब होता है। सरकार का अनुमान है कि इससे कस्तूरी उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी, साथ ही आसपास के ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। कस्तूरी मृगों के अवैध शिकार व चोरी पर भी अंकुश लगेगा। कैसे मिलती है कस्तूरी कस्तूरी वयस्क नर हिरन में पाई जाती है। एक हिरन से लगभग 25 से 30 ग्राम कस्तूरी मिलती है। नेपाली कस्तूरी, कश्मीरी कस्तूरी व कामरूपी कस्तूरी तीन प्रकार की होती है। कामरूपी कस्तूरी सबसे श्रेष्ठ होती है। इसकी कीमत 25 से 30 हजार रुपये प्रति ग्राम होती है।
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