चार लाख की जनसंख्या पर हैं सिर्फ 29 डाक्टर
जिला मुख्यालय पर चार लाख की जनसंख्या पर महज एक सरकारी अस्पताल
By JagranEdited By: Updated: Wed, 04 Aug 2021 10:44 PM (IST)
लखीमपुर: जिला मुख्यालय पर चार लाख की जनसंख्या पर महज एक सरकारी अस्पताल है जिसमें सिर्फ 29 डाक्टर हैं, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर से कैसे निपटेगा। वह भी तब जब कोरोना की संभावित तीसरी लहर शुरू होने को है। संसाधन और मानव संसाधन की कमी झेल रहे इस सरकारी अस्पताल में स्टाफ की कमी तो न जाने कब से है। हृदय रोग विशेषज्ञ, न्यूरो फिजिशियन, न्यूरो सर्जन के अलावा ऐसे कई चिकित्सक हैं जो यहां नहीं है। क्योंकि यहां के ही 29 डाक्टर में से कुछ डाक्टर कोविड एल-2 हास्पिटल में ड्यूटी पर लगाए जाते हैं, फिर यहां मरीजों को इलाज में दिक्कत होना भी स्वाभाविक है।
जिला अस्पताल के 29 चिकित्सकों में से तीन फिजीशियन, चार सर्जन हैं, इसी तरह चार इमरजेंसी मेडिकल अफसर हैं। चार आयुष के हैं। सिर्फ आठ फार्मासिस्ट हैं। टेक्निकल स्टाफ में से आधा स्टाफ जब एल-2 हास्पिटल कोविड-19 मरीजों के लिए भेजा जाता है तो यहां आने वाले मरीजों के लिए समस्या हो जाती है। इतना ही नहीं जो स्टाफ कोरोना हास्पिटल जगसड़ में जाता है उसे 15 दिन वहीं डेरा डालना होता है। 15 दिन बाद दूसरी टीम जाती है, ऐसे में यदि यहां कोई मरीज आ जाए तो उसे इलाज कैसे दिया जाएगा। उधर दूसरी लहर में मरीज बढ़ने पर इतने कम स्टाफ में जब जिला अस्पताल में नहीं पूरा पड़ता तो कोरोना से निपटने के इंतजाम पूरे हैं यह कैसे माना जाए। हालांकि इस बारे में सीएमओ डाक्टर शैलेंद्र भटनागर का कहना है कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से डाक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी लेकिन, जगसड़ के अस्पताल में मरीजों का इलाज सुचारू रूप से होगा। किसी भी मरीज को किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी। ये है जिला अस्पताल में कुल स्टाफ 29 चिकित्सक
आठ फार्मासिस्ट स्टाफ नर्स 62--12 नियमित, 50 संविदा
वार्ड ब्वॉय 14 सफाईकर्मी 08 इन चिकित्सकों की है कमी हृदय रोग विशेषज्ञ, न्यूरो फिजिशियन, न्यूरो सर्जन
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