ताइक्वांडो में तहलका मचा रहा राज्यवर्धन
लखीमपुर : कद भले ही छोटा हो लेकिन राज्यवर्धन ने ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल करके का
लखीमपुर : कद भले ही छोटा हो लेकिन राज्यवर्धन ने ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल करके काम जरूर बड़ा किया है। तीन साल की कठिन तपस्या के बाद सबसे कम उम्र के ब्लैक बेल्टर के रूप में उन्होंने जिले में अपनी पहचान बनाई है। आठ साल का राज्यवर्धन जब ताइक्वांडो के जौहर दिखाता है, तो अच्छे-अच्छे उसे देखकर चकित रह जाते हैं। राज्यवर्धन का कहना है कि कठिन परिश्रम के आगे कुछ भी संभव है। भारतीय पुलिस सेवा में जाने की तमन्ना रखने वाले इस आठ वर्षीय बालक में गजब का उत्साह दिखाई दिया। जब उससे इस सफलता के बारे में बात की गई। ऑफिसर कॉलोनी में रहने वाले बृजेंद्र ¨सह लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी करते हैं, उनके पुत्र राज्यवर्धन ¨सह जो नगर के सेंट डॉन बॉस्को इंटर कॉलेज की कक्षा तीन में पढ़ते हैं, को जल्दी ही दक्षिण कोरिया से ताइक्वांडो की आखिरी परीक्षा में ब्लैक बेल्ट मिली है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक भी मिला है। अपने पैरों के द्वारा किस तरह दुश्मन के वार को रोकना है और उसे चित करना है, यह सारी कला इस छोटे से फुर्तीले बालक में साफ दिखाई देती है। रजत से इस बारे में पूछने पर कि उसे यह प्रेरणा कहां से मिली वह बताता है कि उसके चाचा शैलेंद्र ¨सह न्यू से तीन साल पहले ताइक्वांडो खेल प्रशिक्षक एसएम आसिफ के पास सीखने के लिए भेजा था, ऑफिसर कॉलोनी में शहीद भगत ¨सह पार्क के पास, वह एसएम आसिफ से ताइक्वांडो सीखने लगा पहले साल में ही येलो बेल्ट और ग्रीन बेल्ट भी उसने प्राप्त कर लिए। इसके बाद दूसरे वर्ष में ही अपनी प्रतिभा के बल पर ग्रीन वन और ब्लू वन बेल्ट हासिल कर के परिवार एवं साथियों को चकित कर दिया। माता सीमा ¨सह जो कि एक साधारण ग्रहणी है उन्होंने भी राज्यवर्धन के इस कौशल पर उसे उत्साहित किया। फिर क्या था राज्यवर्धन ने और मेहनत की दिन-रात घर पर भी अकेले में ताइक्वांडो की प्रेक्टिस करने वाले इस बालक ने दूसरे वर्ष के अंत में ही रेड वन बेल्ट भी हासिल कर ली। अगस्त में ब्लैक बेल्ट का टेस्ट लिया गया जिसमें दक्षिण कोरिया के अधिकारी भी शामिल हुए। इसमें भी राज्यवर्धन ने अपना सिक्का जमा दिया। जिस पर उसे ब्लैक बेल्ट का भी गौरव हासिल हुआ। राज्यवर्धन के चाचा शैलेंद्र एक कपड़ा व्यवसाई है। उनका कहना है कि वह कला सीखना चाहते थे पर जब भी नहीं सीख सके तो उन्होंने अपने भतीजे को इसमें भेजा और आज उन्हें पसंद आता है कि उनका भतीजा ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुका है। राज्यवर्धन के बड़े भाई हर्षवर्धन भी सेंट डॉन बॉस्को में पढ़ते हैं वह भी शूटर हैं।