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गैंडों के लिए कत्लगाह बना नेपाल का चितवन राष्ट्रीय निकुंज

नेपाल का चितवन राष्ट्रीय निकुंज गैंडों का कत्लगाह बन

By JagranEdited By: Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:49 PM (IST)
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गैंडों के लिए कत्लगाह बना नेपाल का चितवन राष्ट्रीय निकुंज

लखीमपुर : नेपाल का चितवन राष्ट्रीय निकुंज गैंडों का कत्लगाह बन कर रह गया है। बीते एक दशक में इस पार्क में 214 गैंडों की मौत हो चुकी है जिसमें 40 गैंडों का शिकारियों द्वारा शिकार किया गया है। शेष गैंडों में कुछ की स्वाभाविक मौत हुई है तो बाकी असमय काल के गाल में समा गए हालांकि नेपाल सरकार गैंडों के असमय मौत को लेकर चितित है और इसका कारण जानने का प्रयास कर रही है पर अभी तक कोई वाजिब वजह पता नहीं चल सकी है।

नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में सर्वाधिक गैंडे पाए जाते हैं। जनवरी 2021 में हुई गैंडों की गणना के अनुसार नेपाल में इस समय कुल 752 गैंडे हैं जिसमें से 694 गैंडे अकेले चितवन राष्ट्रीय निकुंज में पाए गए हैं। शेष 56 गैंडे नेपाल के अन्य पार्कों में हैं। खास बात यह कि नेपाल के जिस पार्क में सबसे अधिक गैंडे हैं वह उनके लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। पार्क उनके लिए कत्लगाह बनता जा रहा है। यहां पर बीते एक दशक में 214 गैंडों की मौत हो चुकी है जिसमें अधिकांश मौतें अप्राकृतिक हैं। बीते एक दशक में चितवन राष्ट्रीय निकुंज में 214 गैंडों की हुई मौत में 40 गैंडों का अवैध रूप से शिकार किया गया है। शेष 174 गैंडों में कुछ गैंडे आपसी द्वंद्व व कुछ की स्वाभाविक मौत हुई है पर इनमें से अधिकांश गैडों की अकाल मौत हुई है। एक दशक में करीब 25 फीसद गैंडों की मौत होना वन्यजीव प्रेमियों के लिए त्रासद है साथ ही नेपाल में गैंडों के पुनर्वास व संरक्षण पर सवालिया निशान भी है हालांकि नेपाल सरकार भी इसे लेकर चितित है।

पार्क संरक्षण विभाग के उपसचिव विष्णु प्रसाद श्रेष्ठ का कहना है कि कई साल से गैंडों की अस्वाभाविक मौत होने पर उसका कारण जानने के लिए पार्क क्षेत्र के 60 स्थानों का जल परीक्षण कराया गया साथ ही पार्क में पाई जाने वाली घास माइकेनिया व थार्पेनियम की भी जांच की गई लेकिन, कोई कारण पता नहीं चल सका। इतना ही नहीं भारत की जांच एजेंसी जेएसआइ सेंटर से भी परीक्षण कराया गया लेकिन, मौतों का राजफाश नहीं हो सका। पार्क के प्रमुख संरक्षण अधिकारी वेद कुमार ढकाल बताते हैं कि घास व पानी का परीक्षण कराया गया लेकिन, कोई वाजिब कारण पता नहीं चल पाया। गैंडों की पसंदीदा घास का भी परीक्षण कराया जा चुका है वह भी उपयुक्त मिली है। हां इतना जरुर है कि पार्क में घास के मैदान का एरिया कम हो गया है। पहले पार्क में करीब 30 हजार हेक्टेयर घास का मैदान था जो अब घटकर 10 हजार हेक्टेयर रह गया है।

------------------ एक दशक में कब और कितनी हुई गैंडों की मौत

वर्ष मृत गैंडों की संख्या

2010 21

2011 16

2012 10

2013 10

2014 09

2015 14

2016 25

2017-18 31

2019 45

2020-21 33