खीरी की सुनीता बाबा बनी ‘नमो ड्रोन दीदी’, PM मोदी से मिला सम्मान; प्रयागराज के फूलपुर से लिया था प्रशिक्षण
सुनीता ने तीन साल पहले आनवी स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। इसमें 12 महिलाएं जुड़ी हैं। सभी महिलाएं 50 रुपये माह समूह के खाते में जमा कर रहीं थीं। समूह की महिलाओं ने अपना काम करने के लिए पांच-पांच हजार रुपये लिए। सुनीता बाबा ने भी सिलाई मशीन खरीदी और घर पर ही कपड़े सिलने शुरू किए। इससे थोड़ी बहुत आय होने लगी फिर...
राकेश मिश्र, लखीमपुर। विकासखंड पसगवां के जमुनिया शाहबाज गांव की सुनीता बाबा प्रदेश की ड्रोन दीदी बन गई हैं। चार महीने पहले प्रदेश से 27 महिलाओं को ड्रोन दीदी के लिए चयनित किया गया था। इसमें से सम्मान के लिए खीरी की ही ड्रोन दीदी सुनीता बाबा का चयन हुआ। अमेठी से आई ड्रोन दीदी अंजना यादव मौके पर ड्रोन नहीं उड़ा पाईं। पीएम नरेन्द्र मोदी से सम्मानित होकर सुनीता ही नहीं पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
सुनीता ने तीन साल पहले आनवी स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। इसमें 12 महिलाएं जुड़ी हैं। सभी महिलाएं 50 रुपये माह समूह के खाते में जमा कर रहीं थीं। समूह की महिलाओं ने अपना काम करने के लिए पांच-पांच हजार रुपये लिए।
घर से कपड़े सिलने शुरू किए
सुनीता बाबा ने भी सिलाई मशीन खरीदी और घर पर ही कपड़े सिलने शुरू किए। इससे थोड़ी बहुत आय होने लगी। पति मनदीप के पास दो एकड़ खेती है। करीब 20 एकड़ बटाई पर खेत ले रखा है। इफ्को सेंटर से उन्हें नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी मिली। मनदीप ने अपनी पत्नी सुनीता बाबा का ड्रोन दीदी के लिए आवेदन कर दिया। चयन हुआ तो हाईस्कूल पास सुनीता ने मोतीलाल नेहरू फार्मर्स ट्रेनिंग सेंटर फूलपुर प्रयागराज से ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण लिया।इफ्को ने जिले से मितौली तहसील के लिए पहला ड्रोन पसगवां ब्लाक के जमुनिया शहबाज की सुनीता बाबा को दिया। सुनीता को इफ्को सत्कार उड़ान ऐप पर किसान सूचित करता है। किसान के लिए इफ्को किसान उड़ान ऐप है। किसान की सूचना पर सुनीता गांव में पहुंचकर छिड़काव करती हैं। सुनीता को काम के एवज में करीब 15 किसानों से अभी पैसा भी नहीं मिला है। सुनीता ने बताया कि फसल कटने पर किसान भुगतान करेंगे।
सुनीता को 4.65 लाख रुपये की लागत का एक हाईटेक बैटरी वाला ई -रिक्शा उपलब्ध कराया है। उस पर होंडा का एक जेनसेट भी है।
अब तक खाद व कीटनाशक का छिड़काव किया | 250 एकड़ में |
लाभान्वित हुए कुल | 40 किसान |
धान व गेहूं की फसल पर एक एकड़ के छिड़काव में समय | सात मिनट |
प्रति एकड़ खर्च | 300 रुपये |
राजापुर मुख्य क्षेत्र प्रबंधक इफ्को किसान सेवा केंद्र एससी मिश्र के अनुसार, जिले के सभी ब्लाकों में नमो ड्रोन दीदियों का चयन किया जाना है। अभी जिले में पहला ड्रोन पसगवां ब्लाक की सुनीता को मिला है। फिलहाल उन पर पूरे तहसील की जिम्मेदारी है। जिले में शीघ्र ही दो अन्य ड्रोन भी वितरित किए जाएंगे। इनमें लखीमपुर और मितौली ब्लाक को यहां सुविधा जल्दी मिलने वाली है।
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