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नहीं थम रहा तिकुनिया में मोहाना नदी का कटान

लखीमपुर तिकुनिया के गांवों में मोहाना नदी के लगातार कटान से हाहाकार मचा है। कहीं खेत

By JagranEdited By: Updated: Wed, 18 Aug 2021 10:28 PM (IST)
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नहीं थम रहा तिकुनिया में मोहाना नदी का कटान

लखीमपुर: तिकुनिया के गांवों में मोहाना नदी के लगातार कटान से हाहाकार मचा है। कहीं खेत की जमीनें तो कहीं घर कटकर नदी में बह रहे हैं।

शासन-प्रशासन की बेरुखी से कटान पीड़ितों में रोष बना हुआ है। तिकुनिया के ग्राम रननगर पुरविया बस्ती में कटान पीड़ित दयाराम, पूरण सिंह व श्रीराम का घर नदी में कटकर बह गया जबकि अन्य कटान पीड़ितों के घरों पर भी कटान का खतरा मंडराने लगा है। दूसरी तरफ गंगानगर व इंद्रनगर में खेत की जमीनें मोहाना नदी लीलती जा रही हैं। एक तरफ मोहाना नदी भीषण कटान कर कटान पीड़ितों को भारी जख्म दे रही है तो दूसरी तरफ जिम्मेदार आंखें बंद कटान पीड़ितों का मजाक बनाने में लगा हुआ है। बीते तीन माह में सिचाई विभाग द्वारा ग्राम रननगर पुरविया बस्ती में मोहाना नदी की कटान को रोकने के लिए दो बार बल्लियों व झाड़ियों से कार्य किया था जो पूरी तरह तहस नहस हो चुका है हालांकि जिले के सिचाई विभाग के अधिकारियों ने मजबूत व ठोस बचाव कार्य कराने के लिए करीब 12 करोड़ रुपये की परियोजना भेजी थी लेकिन, शासन से 76 लाख रुपये की ही परियोजना स्वीकृत हुई जो तिकुनिया के गांवों को मोहाना नदी की तबाही से रोकने के लिए कारगर साबित नहीं हो सकी। सिचाई विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि उनके द्वारा बड़ी परियोजना कटाव रोकने के लिए भेजी तो जाती है लेकिन, शासन स्तर पर वह रोक ली जाती है। इधर ग्राम गंगानगर, रननगर व इंद्रनगर में भीषण कटान से तबाही मची हुई है।

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तीन माह में नदी में बह गए सवा करोड रुपये

सिचाई विभाग द्वारा तीन माह के अंदर ग्राम रननगर व इंद्रनगर में बल्लियों व झाड़ियों एवं परक्यूनपाइन स्टेट से कटान रोकने के कार्य में खर्च किए गए करीब सवा करोड़ रुपये नदी में बह गए। इसी प्रकार हर वर्ष करोड़ों रुपया मोहाना नदी की भेंट चढ़ जाता है जबकि ठोस व मजबूत कार्य होने पर सरकार का करोड़ों रुपये तो बचेगा ही बल्कि कटान पीड़ितों का भी लाखों करोड़ों रुपये का नुकसान होने से बच जाएगा।