लखीमपुर में जारी है बाघ को काबू करने की कवायद, पिंजरे में फंसाने के लिए वन विभाग कर रहा है नए-नए प्रयोग
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में बाघ का आतंक जारी है खूंखार जानवर को पकड़ने के लिए वन विभाग नए-नए प्रयोग कर रहा है। पिंजरे में फंसाने के लिए जालीदार ट्रैक्टर से पेट्रोलिंग की जा रही है। बाघ की लोकेशन इमलिया अजान घरथनिया बघमरा मूड़ा तक मिल रही है। ग्रामीण खेतों में जाने से डर रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
संवादसूत्र, जागरण, ममरी (लखीमपुर)। महेशपुर रेंज की बिलहरी बीट के ग्राम इमलिया अजान में युवक को मारने वाले बाघ को पिंजरे में फंसाने के लिए वन विभाग नित्य नए प्रयोग कर रहा है। वनकर्मियों ने अब जालीदार ट्रैक्टर से पेट्रोलिंग शुरू की है।
बाघ की लोकेशन इमलिया, अजान, घरथनिया, बघमरा, मूड़ा तक मिल रही है। घटना के आठवें दिन मंगलवार को वन कर्मियों ने नए प्रयोग के तौर पर गन्ने के बीच में पड़ने वाले चक मार्गों को ट्रैक्टर से जोतवाया है। जोतवाने से मिट्टी तैयार हो गई है। मिट्टी में बाघ के पग चिन्ह स्पष्ट आ जाएंगे। जिस पर विश्लेषण हो सकेगा।
इसी मूवमेंट के बीच बाघ पिंजरों और कैमरों के निकट भी गया है। बाघ गन्ने के खेतों में नीलगाय का शिकार कर चुका है। माना जाता कि बाघ शिकार को तीन दिन तक खाता रहता है। फिर भूख लगने पर नए शिकार के लिए मूवमेंट करता है।
फिलहाल बाघ की मौजूदगी को लेकर क्षेत्र में भय व्याप्त है। ग्रामीण खेतों को नहीं जा पा रहे हैं। कई स्थानों पर बाघ की मौजूदगी एवं उसके बचाव और जागरूकता के लिए बैनर पोस्टर लगाए गए हैं।
डिप्टी रेंजर राम नरेश वर्मा का कहना है कि बाघ को पिंजरे में सुरक्षित कैद करने की तैयारियों की मानीटरिंग दुधवा के एफडी को दी गई है। यह बाघ काफी हद तक सीधा है, जो किसी न किसी दिन पिंजरे में अवश्य कैद हो जाएगा।
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