टहलते-टहलते एक किसान के घर पहुंच गए बाघिन के दो बच्चे, दहशत
टहलते-टहलते बाघिन के दो शावक एक किसान के घर पहुंच गए। किसान परिवार ने डीएम को फोन कर बाघिन और दोनों शावकों को जंगल भिजवाने की मांग की।
By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 16 Mar 2018 06:21 PM (IST)
लखीमपुर (जेएनएन)। टहलते-टहलते बाघिन के दो शावक एक किसान के घर पहुंच गए। इससे किसान परिवार दहशत में है। किसान ने डीएम को फोन कर बाघिन और दोनों शावकों को जंगल भिजवाने की मांग की। इधर, वन विभाग बाघिन का मूवमेंट जानने के लिए किसान के घर जल्द कैमरे लगाने की बात कह रहा है। इस बीच एक अन्य बाघ ने दुबहा गांव के पास घास चर रही एक भैंस पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
सबसे चौंकाने वाली बात बताते चलें कि तिकुनिया कस्बे से एक किमी दूर पुरानी कोतवाली के नजदीक रहने वाले किसान अंग्रेज सिंह के घर व आस पास बाघिन और दो शावकों की मौजूदगी परिवार दहशत में है। किसान परिवार पर बाघिन और दो शावकों का खतरा है। किसान के मुताबिक कई दिनों से शावकों समेत बाघिन का डेरा है। बाघिन व शावकों की दहशत के कारण वह लोग खेतों में ही नहीं जा पा रहे हैं। रेंजर एमएन सिंह ने बताया कि वन टीम कांबिंग कर रही है। किसान के घर व आसपास बाघिन और शावकों की मूवमेंट जानने के लिए कैमरे भी लगाए जाएंगे।
दुधवा जंगल में ही है बाघ चंदू
पीलीभीत में एक युवती पर हमला करने वाले बाघ चंदू को बाकायदा पूरी तैयारी के साथ कुछ दिनों पहले रेडियो कॉलर लगाकर दुधवा जंगल में छोड़ा गया था। सब कुछ ठीक चल रहा था और चंदू बाघ लगातार यहां पहुंचने वाले सैलानियों को नजर भी आ जाता था लेकिन एकाएक खबर उड़ी की चंदू बाघ जंगल से भाग निकला है और उसने निघासन में आबादी के निकट एक मवेशी पर हमला कर दिया है। इस खबर से लोग सकते में आ गए। हालांकि खुद दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर महावीर कौजलगि इस खबर को कोरी अफवाह ही बताते हैं। उनका कहना है कि सैटेलाइट कॉलर की वजह से हमें चंदू की लोकेशन की सटीक जानकारी रहती है। हाल फिलहाल वह एक ही स्थान पर नजर आया है, जोकि दुधवा का घना जंगल है। हां ये जरूर है कि शुरूआती दिनों में उसकी लोकेशन तेजी से बदली थी वह इसीलिए क्योंकि किसी नए बाघ को जंगल में जाने के बाद अपनी टेरिटरी बनाने में कुछ वक्त लगता है। लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं कि बाघ आबादी के निकट जा पहुंचा है। खासकर निघासन के आस पास उसके होने की बात तो बिलकुल गलत है। हम चंदू और इंसानी जिंदगी दोनों को लेकर फिक्रमंद हैं, फिलहाल ऐसी कोई स्थिति अभी तक नहीं आई है। अब बाघ का भैंस पर हमला
लखीमपुर (जेएनएन)। दुधवा नेशनल पार्क से भटककर निघासन क्षेत्र में आए बाघ ने दुबहा गांव के पास घास चर रही एक भैंस पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। एक दिन पहले ही बाघ ने अपनी मां को खाना देने जा रहे किशोर पर हमला कर उसे लहुलूहान कर दिया था। लगातार दूसरे दिन बाघ के हमले की घटना से क्षेत्र के लोगों में दहशत फैल गई। शुरू में वनकर्मी इसे पीलीभीत से पकड़कर दुधवा में छोड़े गए चंदू बाघ बता रहे थे, लेकिन डीडी बफरजोन डॉ. अनिल कुमार पटेल ने इसे कोरी अफवाह बताया। डीडी के मुताबिक यह दुधवा पार्क से निकला कोई दूसरा बाघ है, जो आबादी क्षेत्र में चहल-कदमी कर रहा है। कुछ दिन पहले निघासन क्षेत्र में दुधवा पार्क से भटककर बाघनि आ गई थी, जो करीब 20 दिनों तक क्षेत्र में घूमती रही और इसके बाद सिंगाही होते हुए दुधवा वापस चली गई थी। अब बाघ के आने से लोग डरे हुए हैं।जल्द मुआवजा दिलाने का आश्वासन दुबहा गांव के लोगों की करीब 50 भैंसे जंगल में घास चरने गई थी। बताते हैं सभी भैंसे लौट आईं, लेकिन ओम प्रकाश की भैंस देर शाम तक घर वापस नहीं आई। सुबह ओम प्रकाश ने गांव वालों को एकत्र कर उसकी तलाश की तो उसका शव छोटी बेलिया जंगल के पास खून से लहूलुहान बरामद हुआ है। ओम प्रकाश ने घटना की सूचना वन विभाग को दी। जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची। वनकर्मियों ने ओमप्रकाश को विभाग से जल्द मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। मझगईं रेंजर राधेश्याम ने बताया कि बाघ के हमले से भैंस मरी है और बाघ आसपास ही कहीं छिपा है। वनकर्मियों ने शुरू में चंदू बाघ होने की आशंका जताई लेकिन डीडी बफरजोन ने बताया कि चंदू को बदनाम न किया जाए। यह दूसरा बाघ है। जो जल्द ही जंगल चला जाएगा।
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