UP Politics : बिहार से कनेक्शन… कल्याण सिंह के क्षेत्र से निशाना साधेंगे PM Modi, अखिलेश की पार्टी में मचेगी खलबली?
भाजपा ने यह दांव चलकर लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत पिछड़ों दलितों और अल्पसंख्यकों के एका की पैरोकारी कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुनावी मुहिम की धार कुंद करने का दांव चल दिया है। वहीं अतीत में सशक्त चेहरा रहे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के प्रभाव क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा चुनाव अभियान का बिगुल फूंक कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी के जनाधार को और पुख्ता करेंगे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मोदी सरकार की घोषणा को समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) गठजोड़ में सेंधमारी के उद्देश्य से उठाये गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
भाजपा ने यह दांव चलकर लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के एका की पैरोकारी कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुनावी मुहिम की धार कुंद करने का दांव चल दिया है।
वहीं अतीत में भाजपा में पिछड़ी जाति के सबसे कद्दावर नेता और हिंदुत्व के सबसे सशक्त चेहरा रहे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के प्रभाव क्षेत्र बुलंदशहर से भाजपा के लोकसभा चुनाव अभियान का बिगुल फूंक कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछड़ों के बीच पार्टी के जनाधार को और पुख्ता करेंगे।
पिछड़ी जातियों को भी दिया संदेश
नाई समाज से ताल्लुक रखने वाले कर्पूरी ठाकुर की गिनती सामाजिक न्याय के आंदोलन की अग्रिम पंक्ति के नेताओं में होती है। उन्हें भारत रत्न से नवाजने की घोषणा के बहाने भाजपा ने पिछड़ा वर्ग में शामिल नाई बिरादरी के साथ अन्य पिछड़ी जातियों को भी संदेश दिया है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की वर्ष 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश की जनसंख्या में नाई जाति की हिस्सेदारी चार प्रतिशत से अधिक है। नाई जाति प्रदेश की छह लोकसभा सीटों और 34 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करती है।
हीरा ठाकुर ने किया फैसले का स्वागत
पूर्व एमएलसी और कर्पूरी ठाकुर विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा ठाकुर ने मोदी ने सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार के जननायक को भारत रत्न सम्मान देने के निर्णय से नाई समाज हर्षित है। कर्पूरी ठाकुर विचार मंच की यह पुरानी मांग थी और वह इसके लिए पिछले तीन महीनों से सरकार से पत्राचार कर रहा था।
मुलायम और मोहन से मिली मजबूती
इससे पहले मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण देकर यादव बिरादरी को भी सियासी संदेश दिया था।
बीते दिसंबर में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा यादव जाति के बीच अपनी पकड़ बनाने के प्रयासों को और मजबूती देते दिखी।
उत्तर प्रदेश को साधने का प्रयास
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद गुरुवार को बुलंदशहर में प्रधानमंत्री की पहली जनसभा होगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देश भर में उमड़े भावनाओं के ज्वार पर सवार होकर वह भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भी साधने का प्रयास करेंगे।
गौरतलब है कि भाजपा को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बुलंदशहर के समीप स्थित मुरादाबाद, अमरोहा व संभल सीटों के अलावा रामपुर, सहारनपुर, बिजनौर व नगीना सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। रामपुर लोकसभा सीट उसने बाद में उपचुनाव में जीती।