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Chakbandi in UP : चकबंदी के नाम पर प्रधान ने किसानों के साथ कर दिया यह खेल, दौड़े-दौड़े अफसरों के पास पहुंचे ग्रामीण

स्कूलप्राथमिक पाठशालामाध्यमिक विद्यालयएनम सेंटरअन्नपूर्णा भवनसार्वजनिक शौचालयअमृत मान सरोवरखेल मैदानअस्पतालसमेत सामान्य आबादी व हरिजन आबादी के लिए प्रथम चक्र की चकबंदी से ही भूमि आरक्षित है। इस तरह से चकबंदी प्रक्रिया सुचारू ढंग से हो पाना संभव नहीं है।गांव में सभी चकदार के चक्रों तक पहुंचने के लिए चकरोड आदि की व्यवस्था भी पहले से है।हालांकि चकबंदी प्रक्रिया होने पर सभी चकदारों की गलियत से तीन फीसदी कटौती का प्रावधान है।

By Dharmesh Kumar Shukla Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 29 Jun 2024 10:51 PM (IST)
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गांव की लगभग 70 फीसदी भूमि सुहेली नदी व बाढ़ से प्रभावित है।
संवादसूत्र, जागरण. निघासन (लखीमपुर)। चकबंदी चरण चार करवाने के लिए प्रधान ने गुपचुप ढंग से प्रस्ताव पारित करके किसान व गांव की आबादी की कई एकड़ जमीन को निकलवाने के लिए प्रस्ताव कर दिया। इस बात की भनक जब ग्रामीणों को हुई तो वह जिला अधिकारी समेत जिला चकबंदी अधिकारी को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार भीमचंद को सौंपा।

बौधिया कलां के ग्रामीणों ने बताया कि छल पूर्वक ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करवा लिए उसके बाद प्रस्ताव पारित कराने के बाद आला अफसरों को धोखा दिया। चकबंदी अधिनियम धारा चार से गजट करा लिया है।इस बात की जानकारी गांव के किसानों सहित पंचायत के लोगों को भी नहीं हुई।

हर साल बारिश से होता है नुकसान

गांव की लगभग 70 फीसदी भूमि सुहेली नदी व बाढ़ से प्रभावित है। हर वर्ष बाढ़ में नदी कटान करती है।ज्यादातर भूमि करीब 8 महीने तक जलमग्न ही रहती हैं।प्रथम चक्र की चकबंदी में भी बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी स्तर से लगभग 500 एकड़ भूमि गलियत करने के बाद अलग कर दी गई थी।

इस संबंध तहसीलदार भीमचंद ने बताया कि ग्रामीणों के शिकायती पर उच्च स्तर से कार्रवाई की जानी है। ग्राम प्रधान सैय्यद मकसूद अली गुड्डू ने बताया कि 24 मार्च को इसका गजट हो गया था। चुनाव के कारण कार्य नही हो पाया है और बताया विरोध वह लोग कर रहे हैं जिन्होने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। सरकारी का कार्य है बाधा पहुंचाना गलत है।

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