दुधवा पार्क में सैलानियों ने लिया जंगल सफारी का आनंद, इस बार कर सकते हैं ऑनलाइन बुकिंग
लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र शुरू हो गया है। वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया। पहले दिन पर्यटकों को जंगल सफारी कराई गई, हालांकि सैलानियों की संख्या कम रही। वन मंत्री ने पर्यटकों की सुविधा के लिए कई घोषणाएं कीं, जिसमें नया रूट और ऑनलाइन बुकिंग शामिल है। पहले दिन पर्यटकों को बाघ के दीदार नहीं हुए।
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जागरण संवाददाता, लखीमपुर। शनिवार को वह बहुप्रतीक्षित लम्हा आ ही गया जिसका पांच महीनों से वन्यजीव प्रेमियों को इंतजार था। विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद सुबह करीब 10 बजे वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना व विभागीय अधिकारियों ने फीता काटकर दुधवा के पर्यटन सत्र का शुभारंभ किया।
उन्होने झंडी दिखाकर टाइगर रिजर्व में सैलानियों को प्रवेश भी कराया। इससे पहले वन मंत्री व अधिकारियों ने पार्क के प्रवेश द्वार पर पूजन अर्चन किया। शुभारंभ के बाद सैलानियों से भरे वाहनों को जंगल भ्रमण के लिए जाने दिया गया। पहले दिन जंगल सफारी पर जाने वाले सैलानी कम रहे लेकिन स्थानीय लोगों की भीड़ रही।
वन मंत्री के फीता काटने के बाद मुख्य द्वार को खोला गया और इसके साथ ही विधिवत पर्यटन सत्र की शुरूआत हो गई। इस मौके पर वन मंत्री ने कहा कि दुधवा को इस बार जल्दी खोलने का मकसद पर्यटकों की संख्या बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि जंगल सफारी पूरी तरह से आनलाइन की जा रही है जिससे पर्यटकों को सुविधा हो सके।
उन्होंने दुधवा में इस साल जंगल सफारी के लिए एक नया रूट नंबर 23 खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही कतर्निया घाट के निशानगाड़ा व दुधवा में आवासीय सुविधा बढ़ाने की बात कही। इस मौके पर प्रमुख सचिव वन अनिल कुमार, विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी, पीसीसीएफ वन्यजीव अनुराधा बेमुरी, फील्ड डायरेक्टर एच राजा मोहन व डिप्टी डायरेक्टर जगदीश आर व दुधवा के वार्डन तथा रेंजर समेत दुधवा पार्क के अधिकारी, कर्मचारी व गाइड मौजूद रहे।
पहले सत्र में नहीं हुए बाघ के दीदार
पर्यटन सत्र के पहले दिन की पहली पाली में बाहर से आने वाले पर्यटक नहीं दिखे। जिन पर्यटकों की बुकिंग थी उनको दोपहर बाद की शिफ्ट में जंगल भ्रमण कराने की व्यवस्था की गई है। कुछ पर्यटक जिनकी बुकिंग है वे पहुंचे भी नहीं थे उनके दोपहर बाद या फिर शाम तक पहुंचने की उम्मीद है।
शनिवार की बुकिंग वाले किसी पर्यटक ने सुबह दुधवा पहुंचने की रिपोर्ट नहीं की थी। उनके सेकेंड शिफ्ट में भ्रमण की बात बताई गई है। शुभारंभ के मौके पर सैलानियों की संख्या कम रही जो लोग थे वे स्थानीय पर्यटक थे। बाघ देखने की उम्मीद से जंगल में पहुंचे स्थानीय पर्यटकों को पहले दिन बाघ के दीदार नहीं हो सके।
निश्शुल्क रही भ्रमण की व्यवस्था
पर्यटन सत्र के पहले दिन जंगल भ्रमण की व्यवस्था पूर्ण रूप से नि:शुल्क रही। इस बार स्कूली बच्चों की संख्या पर्याप्त रही। पहले वन्य प्राणी सप्ताह के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने वाले बच्चों को पार्क फ्री में घुमाया जाता था लेकिन इस बार यह व्यवस्था नही की गई थी। केवल वह बच्चे ही पार्क घूम सके जो रंगोली आदि बनाने के लिए बुलाए गए थे।
उद्घाटन समारोह में शामिल रहा एक हाथी
पर्यटन सत्र शुभारंभ कार्यक्रम में इस बार केवल एक हाथी को शामिल किया गया था। मंत्री व अधिकारियों ने उसकी पूजा करने के साथ ही उसे केला व अन्य फल खिलाया।
क्या कहते हैैं जिम्मेदार
दुधवा के उपनिदेशक जगदीश आर ने बताया कि पूरी तैयारी के साथ पार्क को खोला गया है। पहले दिन जो पर्यटक पहुंचे थे उनको जंगल सफारी कराई गई। उन्होने बताया कि इस साल शुरु से ही सैलानियों को गैैंडा क्षेत्र घुमाया जाएगा और हाथी की सवारी भी कराई जाएगी। उन्होंने आशा जताई कि घूमने की दरों में मामूली वृद्धि के बाद भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

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