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लोकसभा प्रत्याशियों की सूची पर बोली कांग्रेस, 'यह अखिलेश की सरासर मनमानी; गठबंधन की मर्यादा...'

Loksabha Election समाजवादी पार्टी के घोषित लोकसभा प्रत्याशियों पर राजनीति शुरू हो गई है। खीरी और धौरहरा संसदीय सीट के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की तो हाल में ही सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा के स्वर मुखर हो गए हैं। खीरी सीट से वह टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे।

By Dharmesh Kumar Shukla Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 31 Jan 2024 09:33 PM (IST)
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लोकसभा प्रत्याशियों की सूची पर बोली कांग्रेस, 'यह अखिलेश की सरासर मनमानी; गठबंधन की मर्यादा...'
धर्मेश शुक्ला, लखीमपुर।  समाजवादी पार्टी के घोषित लोकसभा प्रत्याशियों पर राजनीति शुरू हो गई है। खीरी और धौरहरा संसदीय सीट के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की तो हाल में ही सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा के स्वर मुखर हो गए हैं।

कयास लगाए जा रहे थे कि खीरी संसदीय सीट पर इस बार कांग्रेस उनको ही मौका देगी यही सोच कर वह कांग्रेस में आए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सपा ने यहां उत्कर्ष वर्मा को और अखिलेश के नजदीकी माने जाने वाले आनंद भदौरिया को धौरहरा संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया।

पूर्व सांसद बोले- 'यह गठबंधन का फैसला नहीं'

इस पर पूर्व सांसद रवि वर्मा का तंज है की अखिलेश यादव की ये सरासर मनमानी है, यह गठबंधन का फैसला नहीं हो सकता। अब कांग्रेस भी ये खुलकर कह रही है कि ये आएनडीआइए गठबंधन का फैसला नहीं है ये पीडीए की सूची है। कांग्रेस तो यहां तक मुखर है कि साल 2008 तक के चुनाव में हुई घटना का उलाहना देने लगी है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल कह रहे हैं कि वह इस सूची को कतई मानने को तैयार नहीं है। अब राजनीति गरम है। आएनडीआइए गठबंधन के दो दलों में यहां के टिकट घोषित होते ही तल्खी बढ़ गई है। हाल ही में सपा को छोड़कर कांग्रेस में गए सपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और खीरी सीट से पार्टी के प्रबल दावेदार माने जा रहे रवि प्रकाश वर्मा बुधवार को राजधानी लखनऊ कूच कर चुके हैं। कहते हैं कि आला नेताओं से इस पर दो टूक बात होगी।

गठबंधन के निर्णय को मानेंगे जफर अली नकवी

उधर पूर्व खीरी सांसद और कई बार मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जफर अली नकवी कहते हैं कि वह गठबंधन के साथ हैं, जो भी निर्णय होगा वह उसे मानेंगे।

बुधवार को दैनिक जागरण से बात करते हुए पूर्व सपा राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि ये मनमाना रवैया है। सीटों को लेकर घोषणा अखिलेश यादव की मनमानी है।

आरोप लगाया कि सपा के इस आत्मघाती कदम से गठबंधन को नुकसान और भाजपा को सीधा फायदा होगा। सपा अपने निजी फायदे के लिए ऐसा कर रही है। पूर्व सांसद ने यहां तक कह दिया कि यादव समाज एमपी फैक्टर से बेहद प्रभावित है और ऐसे फैसले भाजपा को लाभ देने के अलावा कुछ नहीं हो सकते। उधर सपा की सूची जारी होने के बाद जिला कांग्रेस में नाराजगी है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष कहते हैं कि सपा को ये दोहरा चरित्र कोई नया नहीं। साल 2009 के आम चुनाव में भी सपा ने ऐसा ही पैंतरा चला था, जिसके बाद उसे दोनों सीटों पर मुंह की खानी पड़ी थी।

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