यूपी विधान परिषद में खाली हो रही MLC की 13 सीटें, इस पार्टी के सहयोग से सपा को मिलेगा नेता प्रतिपक्ष का पद; जानिए वजह
समाजवादी पार्टी को विधान परिषद में अगले वर्ष मई में नेता प्रतिपक्ष का पद फिर मिल जाएगा। 100 सीटों वाली विधान परिषद में सपा के मात्र नौ सदस्य हैं इस कारण पिछले वर्ष जुलाई में नेता प्रतिपक्ष का पद उससे छिन गया था। नेता प्रतिपक्ष के लिए न्यूनतम 10 सदस्यों की जरूरत होती है। यह संख्या मई में रिक्त हो रही सीटों के चुनाव में पूरी हो जाएगी।
By Shobhit SrivastavaEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 11 Dec 2023 07:14 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी को विधान परिषद में अगले वर्ष मई में नेता प्रतिपक्ष का पद फिर मिल जाएगा। 100 सीटों वाली विधान परिषद में सपा के मात्र नौ सदस्य हैं, इस कारण पिछले वर्ष जुलाई में नेता प्रतिपक्ष का पद उससे छिन गया था। नेता प्रतिपक्ष के लिए न्यूनतम 10 सदस्यों की जरूरत होती है। यह संख्या मई में रिक्त हो रही सीटों के चुनाव में पूरी हो जाएगी।
विधान परिषद में अगले वर्ष पांच मई को एमएलसी की 13 सीटें रिक्त हो रही हैं, इसमें भाजपा की 10, सपा, अपना दल (सोनेलाल) व बसपा की एक-एक सीट शामिल है। यह सभी सीटें विधान सभा क्षेत्र की हैं। इसमें विधायक ही वोट देते हैं।
31 विधायकों के मतों की जरूरत
प्रत्येक सीट की जीत के लिए 31 विधायकों के मतों की जरूरत होगी। ऐसे में विधायकों की संख्या के हिसाब से सपा अपने गठबंधन के सहयोगी रालोद के साथ मिलकर अधिकतम चार सीटें जीत सकती है।पांच मई को सपा के एक एमएलसी का कार्यकाल खत्म होगा, जबकि चार नए जीतकर आ सकते हैं। इस जीत के बाद सपा की 11-12 सीटें होने की उम्मीद है। इसके बाद सपा को एक बार फिर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद मिल जाएगा।
खत्म हो रहा इन 13 सदस्यों का कार्यकाल
पांच मई 2024 को जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें भाजपा के डॉ. महेन्द्र कुमार सिंह, मोहसिन रजा, अशोक कटारिया, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, यशवंत, विजय बहादुर पाठक, विद्या सागर सोनकर, डा. सरोजनी अग्रवाल व निर्मला पासवान शामिल हैं।इनके अलावा सपा के नरेश चन्द्र उत्तम, अपना दल (सोनेलाल) के आशीष पटेल व बसपा के भीमराव अम्बेडकर हैं। वहीं, कांग्रेस के बाद अब बसपा का भी पांच मई 2024 के बाद उच्च सदन में प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा। विधानसभा में बसपा के मात्र एक विधायक हैं ऐसे में अकेले दम पर उच्च सदन में अब उसका एक भी सदस्य नहीं पहुंच पाएगा।
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- भाजपा- 81
- सपा- 09
- बसपा- 01
- अपना दल (सोनेलाल)- 01
- निषाद पार्टी- 01
- जनसत्ता दल लोकतांत्रिक- 01
- शिक्षक दल (गैर राजनीतिक)- 01
- निर्दलीय समूह- 02
- निर्दलीय- 02
- रिक्त- 01।
विधान सभा में दलीय स्थिति
- भाजपा- 254
- सपा- 109
- अपना दल (सोनेलाल)- 13
- रालोद- 09
- निषाद पार्टी- 06
- सुभासपा- 06
- कांग्रेस- 02
- जनसत्ता दल लोकतांत्रिक- 02
- बसपा- 01
- रिक्त- 01।