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साइबर क्राइम और आतंकवाद से बचने के लिए आधुनिक होना जरूरी

विकास के पथ पर आगे बढऩे के साथ ही आज हर क्षेत्र में चुनौतियां बढ़ी हैं। नई जिम्मेदारी मिलने से उन्हें पूरा करने की चुनौती भी बढ़ जाती है। अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, मगर आतंकवाद और साइबर क्राइम आज सेना व अर्धसैनिक बलों के लिए चुनौती है।

By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2016 07:24 PM (IST)
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लखनऊ। विकास के पथ पर आगे बढऩे के साथ ही आज हर क्षेत्र में चुनौतियां बढ़ी हैं। नई जिम्मेदारी मिलने से उन्हें पूरा करने की चुनौती भी बढ़ जाती है। अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, मगर आतंकवाद और साइबर क्राइम आज सेना व अर्धसैनिक बलों के लिए चुनौती है। सीआइएसएफ ने सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्रों में हर चुनौती का डटकर मुकाबला कर साबित किया है कि वह एक संपूर्ण बल और दल है। यह कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का।

राजनाथ सिंह गाजियाबाद इंदिरापुरम स्थित 5वीं रिजर्व वाहनीं में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के 47वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बलों में जल्द ही सरकार 33 फीसद महिलाओं की भागीदारी करेगी। इसमें सीआइएसएफ में ही सबसे ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व होगा। राजनाथ सिंह ने सीआइएसएफ द्वारा करोड़ों की संपत्ति बचाने और अलग-अलग ऑपरेशन की सफलता के लिए बल की सराहना की। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में राजनाथ ने कहा कि विश्व कप के दौरान प्रत्येक देश की टीम को सुरक्षा के प्रति पूर्ण आश्वस्त किया जाता है, फिर चाहे वह कोई भी देश हो। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि मैच आयोजन को लेकर सरकार सुरक्षा को लेकर तैयार है। राजनाथ ने इशरत जहां, विजय माल्या और बाबा रामदेव के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा कि वह इनका जवाब संसद सत्र के दौरान ही देंगे।

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