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आतंकवाद के खात्मे को पूरी दुनिया को एकजुट हो : इमाम-ए-काबा

खाना-ए-काबा के इमाम शेख सालेह बिन मुहम्मद आज उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में देवबंद स्थित दारुल उलूम पहुंचे। इमामे काबा ने आज यहां कहा कि भारत के मुसलमान दूसरे तमाम धर्म के लोगों के साथ मिलजुलकर प्यार और मोहब्बत के माहौल में जिंदगी गुजार रहे हैं।

By Nawal MishraEdited By: Updated: Tue, 05 Apr 2016 06:59 PM (IST)

लखनऊ। सऊदी अरब के मक्का-मुकर्रमा के हरम शरीफ के इमाम शेख डॉक्टर सालेह बिन मोहम्मद बिन इब्राहिम अल तालिब ने कहा कि पूरी दुनिया आतंकवाद से जूझ रही है। हर जगह हमले हो रहे हैं। धर्म की आड़ में बेगुनाहों का खून किया जा रहा है जबकि इस्लाम दहशतगर्दी की इजाजत कतई नहीं देता। इस्लाम के नाम पर आतंक फैलाने वाले इंसानियत के दुश्मन हैं। समय आ गया है कि आतंकवाद के खात्मे को पूरी दुनिया को एकजुट हो जाना चाहिए। खाना-ए-काबा के इमाम ने कहा कि हिन्दुस्तान ऐतिहासिक मुल्क है। भारत के मुसलमान दूसरे तमाम धर्म के लोगों के साथ मिलजुलकर प्यार और मोहब्बत के माहौल में जिंदगी गुजार रहे हैं। इस्लाम किसी भी रूप में हिंसा की इजाजत नहीं देता और जो इस्लाम के नाम पर दुनिया में दहशतगर्दी फैला रहे है वह सही मायने में मुसलमान नहीं हैं।

आतंकवाद को समूल नष्ट करना होगा --- मोहम्मद बिन इब्राहिम अल तालिब आज दोपहर सहारनपुर के देवबंद स्थित मस्जिद रशीद में इस्तकबालिया जलसे को संबोधित कर रहे थे। इस्लामिक दुनिया की नामचीन हस्तियों और तलबा के बीच उन्होंने कहा कि दहशतगर्दी फैलाने वाले इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे लोग मुसलमान कहलाने के हकदार ही नहीं हैं। इस्लाम भी इंसानियत की हिफाजत का हामी है। हजरत मुहम्मद साहब ने यही शिक्षाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि पूरी दुनिया के मुसलमान मुहम्मद साहब के जीवन और आदर्श को अमल में लाएं। अब दहशतगर्दी के खात्मे के लिए एकजुट होना पड़ेगा। दुनिया में अगर अमन-चैन कायम करना है तो आतंकवाद को समूल नष्ट करना होगा।

मुसलमान इंसानियत की हिफाजत में आगे आएं ---- इमाम-ए-काबा ने इस्लामिक तालीम के विश्वविख्यात मरकज दारुल उलूम की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि वे पूरे हिंदुस्तान में सऊदी अरब का सलाम पहुंचाने आए हैं। सऊदी अरब मुसलमानों की आस्था का केंद्र है। हज और जियारत करने वालों के लिए अरब का खास महत्व है। सऊदी अरब ने मुसलमानों के लिए कुरान और हदीस जैसे ग्रंथ को समर्पित किया है। अल्लाह ताला ने सलामती को जन्नत से जोड़ा है। उन्होंने मुसलमानों से आह्वान किया कि वह इंसानियत की हिफाजत में आगे आएं। इंसानी जान, अक्ल, दौलत, इज्जत और मजहब की सलामती के लिए काम करें।

अरशद मदनी ने किया इस्तकबाल -- खाना-ए-काबा के इमाम-ए-हरम हेलीकॉप्टर से जामिया तिब्बिया कॉलेज पहुंचे। यहां जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी आदि ने उनका इस्तकबाल किया। सुरक्षा घेरे में कार से उन्हें दारुल उलूम लाया गया। बाद में मस्जिद रशीदिया में उन्होंने नमाज अदा कराई और इससे पहले जलसे को खिताब किया।

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