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Cyber Crime: साइबर सेल की रडार पर देश भर के 1850 मोबाइल नंबर और 980 बैंक खाते, तैयार क‍िया ब्लूप्रिंट

Cyber Crime साइबर अपराध प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में अपनी पांव जमा चुका है। हर रोज सैकड़ों लोग साइबर अपराध के श‍िकार होते हैं। ऐसे में साइबर ठगों पर लगाम कसने के ल‍िए साइबर सेल ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है। साइबर क्राइम सेल की देश भर के 1850 मोबाइल नंबर और 980 बैंक खातों पर नजर हैं। इन्‍हीं के जर‍िए जालसाज श‍िकार करते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 27 Aug 2023 08:25 AM (IST)
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Cyber Crime: देशभर में फैला साइबर अपराध का जाल
लखनऊ, हितेश सिंह/जागरण संवाददाता। साइबर जालसाजों पर लगाम लगाने के लिए साइबर सेल ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है। पुलिस ने 1850 मोबाइल नंबर को चिन्हित किया हैं, जिनसे लखनऊ में लगातार साइबर फ्राड किया गया है। पुलिस अब इन नंबरों की जांच पूरी करने के बाद सक्रिय सिम को बंद कराने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा 980 बैंक खातों को ट्रैक किया जा रहा है। कहां से पैसा ट्रांसफर हुआ? किसने पैसा जमा कराया? कब-कब ट्रांजक्शन हुआ है? इन सभी का रिकार्ड पुलिस खंगाल रही है।

दस राज्‍यों से जुड़े है देश में हो रहे साइबर अपराध के तार

साइबर सेल में हर दिन 20 से 25 मामले आ रहे हर दिन 20 से 25 मामले साइबर सेल में आ रहे हैं। पुलिस टीम ने अपराध में शामिल मोबाइल नंबरों की पड़ताल की है। इनमें अभी तक लगभग 1850 से अधिक ऐसे नंबर का पता चला है जिनसे सक्रिय रूप से ठगी की जा रही है। इनमें से अधिकतर नंबर मध्यप्रदेश, जामताड़ा, मेवात, महाराष्ट्र, भरतपुर राजस्थान, हैदराबाद, बिहार के कुछ जिलों के हैं।

साइबर ठग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर बनाते हैं श‍िकार

नंबर से इस-इस तरह के फ्राड साइबर सेल प्रभारी सतीश कुमार साहू ने बताया कि साइबर क्राइम में इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। जांच में यह बात सामने आई है कि साइबर ठग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल ओएलएक्स फ्राड, बैंक कर्मी, आर्मी, केवाईसी फ्राड, पेंशन, लोन, दोस्त, रिश्तेदार, टेलीग्राम ग्रुप में इंवेस्टमेंट आदि के नाम पर सबसे अधिक फ्राड किया जा रहा है।

साइबर अपराध पर लगाम लगाने के ल‍िए नंबरों को बंद करायेगी पुल‍िस

हालांकि साइबर पुलिस ने पिछले दिनों कई नंबर भी ब्लाक करवाया है। अधिकतर सिम दूसरों के नाम पर जांच में यह बात सामने आई है कि जिन सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर जालसाज ठगी में करते हैं वह, अक्सर गरीब, मजदूर व छोटे आय वर्ग के लोगों के नाम से होते हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई करने में कठिनाई होती है। असली साइबर ठगों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है। इस कारण पुलिस अब इन नंबरों को बंद कराने की तैयारी में है ताकि साइबर अपराध के ग्राफ में कमी आ सके।

अब तक 750 से अध‍िक नंबर ब्‍लाक करवा चुकी है पुल‍िस

साइबर सेल के मुताबिक, पिछले छह महीने में लगभग 750 नंबरों को ब्लाक करवाया जा चुका है। ऐसे चलता है नंबर बदलने का खेल साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि अबतक की जांच में सामने आया कि साइबर ठगी करने के लिए जालसाज फेक आईडी का इस्तेमाल करते हैं, पुलिस जब इन एड्रेस पर जाती है तो इनका नाम और पता गलत निकलता है।

अपराध को अंजाम देने के बाद बंद हो जाते हैं नंबर

ऐसे में इनकी लोकेशन के आधार पर भी पुलिस इन तक पहुंचने की कोशिश करती है, लेकिन इन लोगों का लोकेशन पुलिस की पकड़ से काफी दूर होता है। जिसके बाद पुलिस इन नंबरों पर काल कर पैसे वापस करने की बात भी कहती है, लेकिन ये लोग मानने को तैयार नहीं होते हैं और अधिकतर केस में यह नंबर कई-कई दिनों तक बंद हो जाते है, लेकिन बाद में फिर इन्हीं नंबरों से साइबर ठगी होने लगती है।

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