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2024 Lok Sabha Polls: दानिश अली के जरिए मुस्लिम मतों को साधने में जुटी कांग्रेस, सीटों को बचाने की है चुनौती

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस मुस्लिम मतों को साधने की जुगत में भी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी दिल्ली में बसपा सांसद दानिश अली से भेंट की। दोनों नेताओं ने संसद में दानिश पर की गई तीखी टिप्पणी की निंदा की। दानिश अली को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।

By Alok MishraEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Fri, 29 Sep 2023 02:25 PM (IST)
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बसपा सांसद दानिश अली से भेंट की।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस मुस्लिम मतों को साधने की जुगत में भी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी दिल्ली में बसपा सांसद दानिश अली से भेंट की। दोनों नेताओं ने संसद में दानिश पर की गई तीखी टिप्पणी की निंदा की। दानिश अली को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।

इन मुलाकातों के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। माना रहा है कि कांग्रेस ने दानिश के जरिए मुस्लिम वोट बैंक साधने का बड़ा दांव खेला है। इसे विपक्षी गठबंधन आइएनडीए का हिस्सा बनी सपा पर सीटों के बंटवारे को लेकर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।

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कांग्रेस सवर्ण अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पहले एक दांव खेल चुकी है। पार्टी के नेता मानकर चल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम एकजुट होकर कांग्रेस के पाले में आएंगे। दानिश अली को बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम बहुल सीट अमरोहा से चुनाव मैदान में उतारा था। लोकसभा चुनाव 2019 में सपा व बसपा गठबंधन में चुनाव लड़ी थी और दानिश अली गठबंधन के विजेता प्रत्याशी साबित हुए थे।

यह भी माना जा रहा है कि दानिश अली इस बार बसपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। कांग्रेस ऐसे ही अन्य मुस्लिम नेताओं को भी भीतरखाने अपने पाले में लाने के प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने वर्ष 2009 में अमेठी व रायबरेली के अलावा 21 सीटें जीती थीं, जिसमें उसके तीन मुस्लिम उम्मीदवारों मुरादाबाद से मु.अजहरुद्दीन, खीरी से जफर अली नकवी व फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद ने जीत दर्ज की थी। हालांकि इसके बाद कांग्रेस प्रदेश में अपना जनाधार बचाने में ही जूझती रही।

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वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी व रायबरेली से सोनिया गांधी ही सीट बचा सकी थीं। पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी से हार गए थे और रायबरेली से सोनिया गांधी इकलौती जीत दर्ज कर सकी थीं। कांग्रेस के सामने इस बार अपनी परंपरागत सीट अमेठी को जीतने के साथ ही रायबरेली सीट को बचाने की भी बड़ी चुनौती होगी। यह उसकी साख का सवाल है। सवर्ण के साथ मुस्लिम वोट बैंक को जुटाकर कांग्रेस अपनी सीटों का आंकड़ा बढ़ाने का प्रयास करती नजर आ रही है।

प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उनकी तैयारी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की है। शेष केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन के अनुरूप सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय करेगा। भाजपा की नीतियों से असंतुष्ट सभी वर्ग के लोग कांग्रेस के साथ हैं।

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