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Gold Smuggling in Lucknow: 29 तस्कर गिरफ्तार, शारजाह से लेकर आए थे 3.5 करोड़ का सोना; अल्ट्रा साउंड से खुली पोल

Gold Smuggling शारजाह से पेट मे सोना छुपाकर ला रहे सोना तस्करों को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था। सोना तस्करों के परिवार तथा रिश्तेदारों में भी हड़कंप मचा हुआ है। और वह तस्करों के बारे में अनजान बने हुए हैं। तस्करों के फरार की सूचना पर पुलिस भी सतर्क हो गई है। लेकिन उसे अभी कस्टम विभाग की कार्रवाई का इंतजार है।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Thu, 04 Apr 2024 02:39 PM (IST)
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29 तस्कर गिरफ्तार, शारजाह से लेकर आए थे 3.5 करोड़ का सोना
जागरण संवाददाता, टांडा। शारजाह से पेट मे सोना छुपाकर ला रहे सोना तस्करों को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था। जिनके पास करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये का सोना था। सभी तस्कर साथी की बीमारी का बहाना बनाकर लखनऊ से फरार हो गए हैं।

सोना तस्करों के परिवार तथा रिश्तेदारों में भी हड़कंप मचा हुआ है। और वह तस्करों के बारे में अनजान बने हुए हैं। तस्करों के फरार की सूचना पर पुलिस भी सतर्क हो गई है। लेकिन उसे अभी कस्टम विभाग की कार्रवाई का इंतजार है।

तस्करी के लिए खा लेते हैं सोने की गोलियां

सोना तस्कर जान जोखिम में डालकर सोने की छोटी गोलियां बनाकर खा लेते हैं। और इसके बाद घरों पर अलग से सीट लगवाकर उसमें जाली लगवाकर शौच करते हैं। पानी की तेज धार के साथ मल नीचे चला जाता है। जबकि सोने की गोलियां ऊपर रह जाती हैं। कई बार गोलियां खाने से तस्करों की तबीयत खराब भी हुई है। तब वह चिकित्सक से संपर्क करते हैं। डेढ़ माह पहले एक सोना तस्कर की हालत गंभीर होने पर वह अल्ट्रा साउंड कराने गया था। संदेह होने पर अल्ट्रा साउंड संचालक ने पुलिस को सूचित कर दिया था। जिसे बाद में पुलिस ने पकड़कर पूछताछ के बाद छोड़ दिया था।

खाड़ी देशों से हो रही तस्करी

इस समय करीब चार दर्जन लोग सऊदी अरब आदि खाड़ी देशों में हैं। नगर में इस समय करीब दस टीमें सोना तस्करी का काम कर रही हैं। जो सऊदी अरब, दुबई, शारजाह आदि ( गल्फ कंट्री) से सोना, गुटखा तथा सिगरेट आदि की तस्करी कर रही हैं। मोहल्ला हाजीपुरा, भब्बलपुरी, पुराना बाजार, यूसुफ ( चौक), आदि कई मोहल्ले के लोग काफी समय से चर्चा में हैं। विशेषकर मोहल्ला हाजीपुरा में ऐसे कई सरगना हैं। जो इसी धंधे में अपनी पहुंच और रसूख के साथ मालामाल हो रहे हैं।

इसी मोहल्ले के दो तस्कर अभी भी दुबई जेल में बंद हैं। सोना तस्करी में एयरपोर्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की भी अहम भूमिका होती है। तस्करों को पूरी जानकारी होती है कि कब और किस एयरपोर्ट पर किस अधिकारी की ड्यूटी है। इसी लिए हरबार नए लोग पकड़े जाते हैं। लेकिन इस बार सभी टीमों के सक्रिय सदस्य शामिल थे।

एयरपोर्ट पर बरततें हैं सावधानी

सोना तस्करों ने एयरपोर्ट पर कर्मचारियों को सन्देह न हो इसके लिए वह देश के अलग अलग एयरपोर्ट का प्रयोग कर रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, आदि से उतर कर सोना खरीदने वालों को कुछ समय बाद ही मौके पर दे देते हैं। और फिर से विदेश जाने की तैयारी में लग जाते हैं। सोना पेट मे लाने से पहले इंतरनेशनल फ्लाइट से उतरने के बाद डोमेस्टिक ( घरेलू) फ्लाइट पकड़ते हैं। डोमेस्टिक फ्लाइट में पहले से उनके साथी यात्रा कर रहे होते है। जिन्हें वह सोना देकर आगे चले जाते हैं।

पेट में सोना ले आने की तरकीब हो रही पूरी

घरेलू उड़ान यात्रियों की अधिक चेकिंग नहीं होती है। जिस से सोना तस्कर आसानी से बच जाते थे। लेकिन वह ट्रिक पकड़ में आने के बाद सोना पेट में लाने की तरकीब काम कर गई थी, लेकिन वह भी अब खुल गईं। इस से पहले भी गाजियाबाद व लखनऊ में कई बार पकड़े गए हैं। लेकिन हर बार पूछताछ के बाद छोड़ दिये जाते हैं। जिस से इनके हौसले बुलंद हो गए हैं। लेकिन इस बार 36 तस्करों के पकड़े जाने तथा फरार होने से मामला काफी चर्चित हो गया है।

युवाओं को शामिल कर रहे हैं तस्कर

प्रत्येक टीम में पांच से छह लोग शामिल होते हैं। सोना तस्करों ने इस काम मे युवाओं को भी शामिल कर लिया है। जिन्हें वह फ्री उमराह कराने के साथ ही उन्हें सोना तस्करी के बदले में तीस से चालीस हजार रुपये देते हैं। जिस से सोना तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है। और जिनके कारण टांडा सोना तस्करी को लेकर काफी समय से चर्चाओं में है।

36 तस्करों की नहीं है सटीक जानकारी

फरार होने वाले 36 तस्करों की अभी सटीक जानकारी किसी को नहीं हैं। लेकिन सोना तस्कतों के चक्कर मे नगर में हड़कंप मचा हुआ है। जो सोना तस्कर इस समय घरों पर थे। वह भी छुपते फिर रहे हैं। बल्कि पुलिस के पकड़े जाने के डर से अंडर ग्राउंड हो गए हैं।

पुलिस और कस्टम विभाग तस्करों पर कस रहा शिकंजा

इससे पहले पुलिस ने कई बार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पकड़ा है। बाद में पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। एयरपोर्ट से फरार तस्करों के बारे में सूचना पर पुलिस सतर्क तो हो गई है, लेकिन अभी उसे कस्टम विभाग की कार्रवाई का इंतजार है। कोतवाली प्रभारी सुरेंद्र सिंह पचौरी का कहना है कि यह मामला कस्टम विभाग का है। यदि कोई कार्रवाई होती है तो विभाग को पूरा सहयोग किया जाएगा।

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