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COVID-19 Effect: कोरोना ने फीकी की सराफा बाजार की चमक, पांच सौ करोड़ का व्यापार प्रभावित

राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन की वजह से करीब 450 से 500 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो चुका है। शहर के छोटे-बड़े कारोबारी हाथ पर हाथ धरे घरों में बैठें हैं और शोरूम खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

By Rafiya NazEdited By: Updated: Wed, 02 Jun 2021 09:49 PM (IST)
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कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन की वजह से लखनऊ के सराफा बाजार को तगड़ा झटका मिला है।

लखनऊ [नीरज मिश्र]। हमेशा दमकने वाले सर्राफा बाजार पर इस बार कोरोना कफ्र्यू का असर साफ दिख रहा है। सहालग और त्योहारी सीजन में भी सराफा बाजार की चमक गायब रही। यहां तक कि अक्षय तृतीया जैसे पर्व पर सोना खरीदने का रिवाज भी बाजार की चमक को लौटा नहीं पाया। करीब 450 से 500 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो चुका है। शहर के छोटे-बड़े कारोबारी हाथ पर हाथ धरे घरों में बैठें हैं और शोरूम खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

अक्षय तृतीया पर होता था 100 करोड़ का कारोबार, इस बार शून्य: आमतौर पर अक्षय तृतीया पर्व पर सोना खरीदने का चलन है। पर्व पर करीब सौ करोड़ के आसपास व्यापार होता था, लेकिन संक्रमण काल में इस बार हालात काफी खराब रहे। बाजार फीका रहा। आनलाइन कारोबार तक को व्यापारी तरस गए। और तो और सहालग में भी लाकडाउन का कहर अभी सराफा बाजार पर सिर चढ़कर बोल रहा है।

कारीगर और छोटे कारोबारी संकट में: 

मध्यम और छोटे वर्ग के सराफा कारोबारियों का काम इस काल में खत्म हो चुका है। सब घर पर बैठे हैं। रोज कमाने-खाने वाले कारीगरों का हाल बुरा है। उनके पास काम नहीं है।

कारोबारी आंकड़े

  • 10 से 15 करोड़ रोज का कारोबार
  • 500 करोड़ का व्यापार कोरोना से प्रभावित
  • 2,500 से 3,000 छोटी बड़ी दुकानें एवं शोरूम
  • 100 करोड़ का कारोबार अक्षय तृतीया पर्व पर इस बार नहीं हुआ

इस बार कारोबार को बड़ी चपत लगी है। इसीलिए व्यापारियों के दर्द को सरकार के साथ साझा किया गया है। संगठन ने अनिवार्य हॉलमार्किंग के नियमों को एक साल के लिए आगे बढ़ाने की मांग की है। दस ङ्क्षबदुओं पर सरकार को सुझाव भेजे गए हैं। कारोबारियों को राहत देने के लिए इस ओर सरकार को सोचना होगा।

अनुराग रस्तोगी, प्रदेश अध्यक्ष, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन

लखनऊ सराफा एसोसिएशन के  संगठन मंत्री आदीश जैन ने बताया कि सराफा बाजार को कोरोना संक्रमण ने निगल लिया है। सहालग और त्योहार के सीजन में कोरोना कफ्र्यू की वजह से शोरूम बंद हैं। दुकानदार घर में बैठे हैं। सहालग में कोई चीज बिके या न बिके, लेकिन लोग अपनी जेब के अनुसार आभूषण जरूर खरीदते हैं। इस बार सबकुछ शून्य है।

जुगल किशोर ज्वेलर्स लखनऊ सराफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजन रस्तोगी ने बताया कि  कोरोना संक्रमण ने सराफा बाजार को उबरने का मौका नहीं दिया है। बाजार को कई करोड़ की चपत लगी है। शोरूमों में ताले लटक रहे हैं। 50 दिन बीत चुके हैं, सहालग और अक्षय तृतीया पर्व पर भी सोने के बाजार की चमक नहीं लौट पाई है।

लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के वरिष्ठ महामंत्री प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि सराफा बाजार को बंद हुए करीब 50 दिन पूरे हो गए हैं। मध्यम और छोटे सराफा व्यवसायियों की हालत खराब है। जल्द दुकानें नहीं खुलीं तों छोटे लोगों के हाथ से रोजगार चला जाएगा। लोग खरीदारी के लिए दूसरे जिलों की ओर भागेंगे।

अमीनाबाद  सर्राफ समित रस्तोगी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में लगे कफ्र्यू से पूरा कारोबार ठप पड़ा है। अक्षय तृतीया पर पिछली बार आनलाइन कारोबार हुआ था, लेकिन इस बार वह भी नहीं हुआ। बाजार पूरी तरह से बंद है। जल्द बाजार न खुला तो कुछ दिन की बची हुई सहालग भी बीत जाएगी। सराफा के रोज के कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचा है।

महामंत्री चौक सराफा एसोसिएशन के विनोद महेश्वरी ने बताया कि सराफा व्यवसाय खत्म हो गया है। कोरोना ने सराफा बाजार को बड़ा नुकसान दिया है। उसे उबरने में वक्त लगेगा। व्यापारी बाजार खुलने की राह देख रहे हैं। अगर समय से खुल गया बाजार तो अब बचा हुआ कुछ सीजन हाथ में आ जाएगा।

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