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UP Madrasas: यूपी में मान्यता प्राप्त 513 मदरसों में भी लटकेगा ताला, संचालकों ने ही खड़े कर दिए हाथ

उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त 515 मदरसों ने अपनी मान्यता सरेंडर कर दी है। इन मदरसों के संचालकों ने फर्जीवाड़े और बजट की कमी के चलते यह कदम उठाया है। मदरसा शिक्षा परिषद ने इन मदरसों की मान्यता समर्पण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब रजिस्ट्रार को मान्यता समर्पण के कारणों का पता लगाने और प्रक्रिया पूरी करने के लिए अधिकृत किया गया है।

By Nishant Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 10 Sep 2024 09:55 PM (IST)
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यूपी में मान्यता प्राप्त 513 मदरसों में भी लटकेगा ताला - प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 515 मदरसे बंद होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता के बिना मदरसों में होने वाले फर्जीवाड़े को लेकर की गई सख्ती के बाद इन मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। संचालकों ने मदरसा शिक्षा परिषद को अपनी मान्यता समर्पण करने का प्रस्ताव भेजा है।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब मान्यता समर्पण करने के कारणों का पता लगाने और प्रक्रिया पूरी करने के लिए मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है। इंदिरा भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के सभागार में परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कई और महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर स्वीकृति मिली है।

उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 16513 मदरसों का संचालन हो रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 8449 मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे थे। इन मदरसों को बंद करके यहां के बच्चों को आसपास के प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश देने का आदेश शासन ने दिया था।

इस आदेश के विरोध में मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी। अब मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त 513 मदरसों के समर्पण करने के प्रस्ताव के पीछे के कारणों की जांच करने के साथ रजिस्ट्रार को आगे की कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है।

इन मदरसों को केंद्र सरकार से वर्ष 2021 के बाद से आधुनिकीकरण के लिए मिलने वाला बजट बंद हो गया। इसके बाद राज्य सरकार से भी बजट नहीं मिलने के कारण शिक्षकों के वेतन का भी संकट खड़ा हो गया। कई मदरसों में कागजों पर अधिक बच्चे दिखाकर छात्रवृत्ति लेने का फर्जीवाड़ा भी जांच में प्रदेश सरकार ने पकड़ा था।

ऐसे में खस्ताहाल हो रहे इन मदरसों ने अपनी मान्यता का समर्पण करने का प्रस्ताव मदरसा शिक्षा परिषद को दिया है। बैठक में परिषद की उपाध्यक्ष व अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे रीभा , रजिस्ट्रार आरपी सिंह, वित्त व लेखाधिकारी सार्थक श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

इन प्रस्तावों को भी मिली स्वीकृति

  • अब वर्ष 2018 से पूर्व के मदरसा शिक्षा परिषद के सभी अंकपत्रों को तकनीकी टीम गठित करते हुए अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
  • बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा की तरह मदरसों की नई मान्यता का आवेदन करने से लेकर मान्यता देने की प्रक्रिया मदरसा पोर्टल पर आनलाइन की जाएगी। इसके लिए मदरसा पोर्टल को अपडेट किया जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश में 560 राज्यानुदानित मदरसों के लिए एक माडल प्रशासन योजना अनुमोदित की गई। मदरसों के प्रबंधकों और शिक्षकों के विवाद को निस्तारित करने के लिए इसे मदरसा शिक्षा परिषद की विनियमावली-2016 में जोड़ा जाएगा।
  • मदरसा पोर्टल पर जिन मदरसों का पंजीकरण नहीं हो पाया है, उनकी सूचना जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्राप्त करके उनको भी पोर्टल पर जोड़ने की अनुमति का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
  • परिषद कार्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मी मो. हामिद की सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रस्ताव के लिए रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया
  • उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद का बजट तीन करोड़ रुपये से बढ़ाकर फिर से आठ करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा -वर्तमान शैक्षिक सत्र की परिषद की बोर्ड परीक्षा अगले वर्ष फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित होगी।
  • प्रदेश में संचालित मदरसा मिनी आइटीआइ योजना को रोजगारपरक बनाने के लिए संशोधित किया जाएगा। इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

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