Move to Jagran APP

Road Accident Cause in UP: 54 फीसद मौतों का जिम्मेदार, मोबाइल व ड्रंकन ड्राइविंग; तेज रफ्तार ने ली सबसे ज्‍यादा जानें

यूपी में रफ्तार ने इस साल भी हादसों में सबसे ज्यादा जान ली है। वर्ष 2019 की तुलना में भले ही मौत का आंकड़ा कम रहा हो लेकिन साल 2020 में सबसे ज्यादा 7356 व्यक्तियों की जान ओवरस्पीडिंग और फर्राटा भरने की वजह से हुई है।

By Rafiya NazEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 12:40 PM (IST)
Hero Image
यूपी में ओवरस्पीडिंग से इस साल भी सबसे ज्यादा मौतें।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]। रफ्तार ने इस साल भी हादसों में सबसे ज्यादा जान ली है। वर्ष 2019 की तुलना में भले ही मौत का आंकड़ा कम रहा हो लेकिन साल 2020 में सबसे ज्यादा 7,356 व्यक्तियों की जान ओवरस्पीडिंग और फर्राटा भरने की वजह से हुई है। इस साल इसका प्रतिशत तकरीबन 37.6 रहा। जबकि बीते वर्ष जान गंवाने वालों की संख्या 37.4 फीसद थी। इस साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 54 फीसद लोगों की जान मामूली सी दिखने वाली वजह रफ्तार, मोबाइल फोन के इस्तेमाल और ड्रंकन ड्राइविंग के कारण हुई हैं। वाहनों की ओवरस्पीडिंग में करीब 37.6 फीसद, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन के बात करने पर 9.4 प्रतिशत और ड्रंकन ड्राइविंग में 7.0 प्रतिशत लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

हादसों और मौतों के तुलनात्मक आंकड़े

  • प्रदेश में वर्ष 2020 में हुई दुर्घटनाएं -मौत
  • ओवर स्पीडिंग -12,875 -7,356
  • ड्रंकन ड्राइविंग -2,410 -1,256
  • रॉग साइड -4,253 -2,270
  • जंपिंग रेड लाइट -761 -330
  • मोबाइल फोन -3,232 -1,758
  • अन्य -10,712 -6,179
  • कुल- 34,243 -19,149
प्रदेश में वर्ष 2019 में हुई दुर्घटनाएं -मौत

  • ओवरस्पीडिंग -15,934 -8,398
  • ड्रंकन ड्राइविंग -4,496 -2,224
  • रॉग साइड -4,988 -2,517
  • जंपिंग रेड लाइट -874 -297
  • मोबाइल फोन -4,882 -2,699
  • अन्य कारण -11,398 -6,520
  • कुल- 42,572 - 22,655
नशेड़ियों ने 2,410 दुर्घटनाएं की और 1,256 लोगों की ली जान: 

  • सूबे में नशे में गाड़ी चलाने वाले यानी ड्रंकन ड्राइविंग केस भी बहुत कम नहीं हैं। 2,410 हादसे हुए। इनमें 1,256 लोगों की जान चली गई।
  • मोबाइल से बात करना पड़ा महंगा, हुई 1,758 की मौत
  • यही हाल गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन से बात करने वालों का रहा। मोबाइल से बात करते हुए गाड़ी चलाने पर प्रदेश में हुई 3,232 दुर्घटनाओं में 1,758 लोगों की असमय मौत हुई।
उप परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि चालकों की ओवरस्पीडिंग इस साल भी लोगों पर भारी पड़ी है। ऐसे में चालकों का फर्राटा भरने से बचना चाहिए। बहुत आवश्यकता होने पर ही गति बढ़ाएं, लेकिन उस पर चालक का नियंत्रण होना आवश्यक है। ये आंकड़े फर्राटा भरने वालों को सतर्क करने वाले हैं। मोबाइल से बात करते वक्त गाड़ी न चलाएं और वाहन चलाते वक्त नशे से पूरी तरह परहेज करें।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।