उत्तर प्रदेश में महाकुंभ पर चलाई जाएगी 7 हजार बसें, सीएम योगी ने किया एलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपलब्ध सारथी एप व पोर्टल की फेसलेस सुविधाओं का दायरा प्रदेश के सभी आरटीओ तक बढ़ाने का आदेश दिया है। वहीं महाकुंभ में श्रद्धालुओं व पर्यटकों को यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए सात हजार बसों का संचालन के निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर आरटीओ में भी लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस सहित कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपलब्ध सारथी एप व पोर्टल की फेसलेस सुविधाओं का दायरा प्रदेश के सभी आरटीओ तक बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके लिए परिवहन विभाग और एनआइसी मिलकर डाटा तैयार करेंगे।
डग्गामार वाहनों पर सख्ती के निर्देश
पिछले महीने बिहार से दिल्ली के लिए चली डग्गामार बस के आगरा एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाग्रस्त जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि कोई भी डग्गामार वाहन सड़क पर नहीं चलने पाए। डग्गामार वाहन अपने आरंभिक स्थल से रवाना नहीं होना चाहिए। उन वाहनों को परिवहन विभाग रवाना होने से पहले ही रोकना सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री ने सड़कों पर दौड़ रहे अनफिट स्कूली वाहनों को लेकर भी नाराजगी जताई। कहा कि स्कूली बच्चे प्रदेश ही नहीं देश का भविष्य हैं। उनके जीवन के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए अभियान चलाकर स्कूली वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराएं। सिर्फ प्रशिक्षित चालक ही वाहनों को चलाते मिले इसका विशेष ध्यान रखें।
कहा कि गृह, खनन और परिवहन विभाग टास्क फोर्स बनाकर ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर कार्रवाई करें। दूसरे राज्यों से आने वाले ओवरलोड वाहनों को सीमा पर ही रोका जाए।
प्रदेश में लागू नई स्क्रैप पॉलिसी को और प्रभावी तरीके से लागू करने आवश्यकता है। सीएम ने कहा कि फर्जी लाइसेंस कतई न बनने पाएं। आरटीओ में बाहरी व्यक्तियों की अनावश्यक उपस्थिति न हो।
कुंभ में चलेंगी सात हजार बसें
सीएम योगी ने कहा कि अगले साल होने वाला महाकुंभ वर्ष 2019 की तुलना में और दिव्य व भव्य होगा। महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को यात्रा में कोई असुविधा न हो इसके लिए सात हजार बसों का संचालन होगा।
बसों को चलाने वाले चालकों व परिचालकों की ठीक ढंग से ट्रेनिंग कराई जाएगी। उनके पहचान पत्र और यूनिफॉर्म का विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से नए बस स्टेशनों का निर्माण होगा। उनकी डिजाइन ऐसी तैयार करें, जिसमें उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति की झलक दिखे।यह भी पढ़ें: Independence Day 2024: कैंट और बनारस रेलवे स्टेशन पर बढ़ी चौकसी, दिल्ली की पार्सल बुकिंग पहले से की गई है बंद
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