आठ साल का इंतजार खत्म! यूपी में 728 चकबंदी लेखपालों को मिला प्रमोशन, अब किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में 728 चकबंदी लेखपालों को पदोन्नत कर चकबंदीकर्ता (कानूनगो) बनाया गया है। यह पदोन्नति चकबंदी लेखपालों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जो 2016 से इसका इंतजार कर रहे थे। इस पदोन्नति से 68 जिलों में चकबंदी के कार्यों को गति मिलेगी और किसानों के भूमि संबंधी विवादों के निपटारे में तेजी आएगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 728 चकबंदी लेखपालों को पदोन्नत कर चकबंदीकर्ता (कानूनगो) बना दिया गया है। चकबंदी लेखपाल 2016 से इस पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। इससे 68 जिलों में चकबंदी के कार्यों को रफ्तार मिलेगी और किसानों के भूमि संबंधी विवादों के निपटारे में तेजी आएगी।
इस बारे में चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए थे कि प्रदेश में भूमि विवाद और चकबंदी की समस्या का त्वरित निस्तारण किया जाए। इसके बाद विभिन्न जिलों में कानूनगो के रिक्त पदों की जानकारी एकत्र कर मुख्यमंत्री को भेजी गई थी।
उन्होंने तत्काल इन पदों को चकबंदी लेखपालों को पदोन्नति देकर भरने की स्वीकृति दी थी। नतीजतन विभागीय पदोन्नति समिति का गठन कर इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है। इससे जिलों में भूमि पुनर्संयोजन और चकबंदी प्रक्रिया तेजी आएगी और किसानों की भूमि से जुड़े विवादों के समाधान भी समय से हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि बरेली के सर्वाधिक 60 चकबंदी लेखपालों को कानूनगो बनाया गया है। इसके बाद कन्नौज में 41, मुरादाबाद में 35, गोरखपुर में 32 और ललितपुर में 25 चकबंदी लेखपालों को पदोन्नति मिली है। इससे प्रदेश में भूमि सुधार और चकबंदी की प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि पदोन्नति को लेकर चकबंदी लेखपाल आठ वर्षों से विभिन्न माध्यमों से मांग कर रहे थे, जिसे मुख्यमंत्री ने हल कर दिया है।
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