यूपी में 82 खंड शिक्षा अधिकारियों पर सस्पेंशन की लटकी तलवार, क्यों बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है विभाग?
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के करीब 2700 शिक्षकों की वेतन वृद्धि जुलाई से ही होनी थी लेकिन दस्तावेज के मिलान व अन्य अडंगा लगाकर यह उनकी वेतन वृद्धि अभी तक रोके हुए हैं। ऐसे में शासन में शिकायत होने के बाद अब इनके खिलाफ नोटिस जारी की गई है। जल्द इनसे जवाब लिया जाएगा और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षकों की वेतन वृद्धि लटकाने के मामले में 82 खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के करीब 2,700 शिक्षकों की वेतन वृद्धि जुलाई से ही होनी थी, लेकिन दस्तावेज के मिलान व अन्य अडंगा लगाकर यह उनकी वेतन वृद्धि अभी तक रोके हुए हैं। ऐसे में शासन में शिकायत होने के बाद अब इनके खिलाफ नोटिस जारी की गई है और आगे निलंबन की तलवार इन पर लटक गई है।
विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी की ओर से इस मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत की थी कि शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा। एक जिले से दूसरे जिले में परस्पर स्थानांतरित होकर गए शिक्षकों को यह लाभ देने में सत्यापन के नाम पर परेशान किया जा रहा है और मामला लटकाया जा रहा है।
जवाब के बाद होगी आगे की कार्रवाई
फिलहाल, बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस पर संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई तो दस्तावेज का सत्यापन न हो पाना मुख्य कारण बताया गया। सेवा पुस्तिकाएं ऑनलाइन होने के कारण यह जवाब संतोषजनक नहीं माना गया। फिलहाल अब बीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। जल्द इनसे जवाब लिया जाएगा और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।यह भी पढ़ें: UP IAS Transfer: उत्तर प्रदेश में चार आईएएस अधिकारियों का तबादला, एक को मिली नई जिम्मेदारी
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