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सेक्स वर्करों को अधिकार दिलाने के लिए तैयार होगा ड्राफ्ट, सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं नीति बनाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश में सेक्स वर्करों के अधिकारों और सम्मान के लिए नीति तैयार करने के लिए एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि सभी विभाग मिलकर सेक्स वर्करों के अधिकारों और न्याय के लिए संयुक्त ड्राफ्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि यूपी में सेक्स वर्करों को पूरी तरह सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 13 Sep 2024 02:31 AM (IST)
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संयुक्त तत्वावधान में एक राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। (सांकेतिक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सेक्स वर्करों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद अब राज्यों में इसे लेकर नीति तैयार की जानी है। गुरुवार को राजधानी में होटल रेनशां में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी, एलायंस इंडिया व आल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर के संयुक्त तत्वावधान में एक राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि सभी विभाग एक साथ मिलकर इस पर संयुक्त ड्राफ्ट तैयार करें, ताकि सेक्स वर्करों को उनके अधिकार व न्याय आसानी से मिल सकें।

उन्होंने कहा कि यूपी में इन्हें पूरी तरह सुरक्षा व न्याय दिलाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की परियोजना निदेशक अमिता सोनी ने कहा कि सेक्स वर्करों के लिए एचआईवी एड्स की रोकथाम व उपचार के लिए व्यापक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व समाज कल्याण विभाग के सहयोग से इनकी आजीविका की व्यवस्था करने पर जोर दिया जा रहा है।

कोविड काल में सबसे ज्यादा नुकसान

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) की उप महानिदेशक शोभिनी ने कहा कि कोविड काल में सबसे ज्यादा आजीविका का नुकसान सेक्स वर्करों को उठाना पड़ा। ऐसे में इनके लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था नाको की ओर से की गई। 

ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स के पुतुल कुमार ने कहा कि सेक्स वर्कर के प्रति पुलिस और अन्य एजेंसियों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तृप्ति, उप निदेशक, समाज कल्याण श्रीनिवास त्रिवेदी व उप निदेशक, महिला एवं बाल कल्याण पुनीत मिश्र ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे।

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