आप सांसद Sanjay Singh को मिली तीन माह की सजा पर रोक, पर हाई कोर्ट की शर्त करनी होगी पूरी
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को सुलतानपुर की एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन माह की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह विचारण अदालत के सामने 50 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करेंगे और यह अंडरटेकिंग देंगे कि इस केस की सुनवाई के समय स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाजिर रहेंगे।
विधि संवाददाता, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को सुलतानपुर की एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा सड़क जाम करने व लोगों को भड़काने के मामले में सुनाई गई तीन माह के कठोर कारावास की सजा व 1500 रुपये के जुर्माने के दंड पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह विचारण अदालत के सामने 50 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करेंगे और यह अंडरटेकिंग देंगे कि इस केस की सुनवाई के समय स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाजिर रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि सिंह के ऐसा करने पर ही उन्हें आदेश का लाभ मिलेगा।
यह आदेश जस्टिस करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने संजय सिंह की ओर से दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर पारित किया। याचिका में एमपीएमएलए विशेष कोर्ट के 11 जनवरी, 2023 को सुनाए गए फैसले व उस पर सत्र अदालत द्वारा 6 अगस्त, 2024 को मुहर लगाने को चुनौती दी गई है।
पर्याप्त साक्ष्य नहीं
विशेष अदालत ने आइपीसी की धारा 143 व 341 के तहत सिंह को तीन माह के कठोर कारावास व 15 सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। पीठ ने याचिका को अंतिम सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए निचली अदालत का रिकार्ड तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 143 व 341 के तहत सजा सुनाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं प्रतीत होते हैं।
इससे पहले सिंह की ओर से पेश बसपा के कद्दावर नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता एस सी मिश्रा का तर्क था कि अभियोजन साक्षियों की गवाही से सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं होते हैं। मिश्रा ने कहा कि सिंह को राजनीतिक कारणों से अन्य आपराधिक मामलों में भी गलत तरीके से फंसाया गया है।
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