Mafia In UP: फरार चल रहे माफिया डान बदन सिंह बद्दो ने 50 लाख में किया था जीवा की हत्या का सौदा, SIT का खुलासा
फरार चल रहे पांच लाख के इनामी मेरठ के माफिया डान बदन सिंह बद्दो का नाम जीवा हत्याकांड में एसआईटी की जांच के बाद सामने आया है। एसआईटी ने खुलासा किया है कि माफिया बदन सिंह बद्दो ने 50 लाख में जीवा की हत्या का सौदा किया था। इसकी डील नेपाल में हुई थी। बता दें कि जीवा की हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित की थी।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 03 Sep 2023 07:50 AM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। लखनऊ में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट परिसर में सात जून, 2023 को पुलिस अभिरक्षा में माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सनसनीखेज हत्या आपसी रंजिश में हुई थी। फरार चल रहे पांच लाख रुपये के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो ने पचास लाख रुपये की सुपारी तय कर शूटर विजय यादव से जीवा की हत्या कराई थी। जीवा की हत्या के मामले में गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) की देखरेख में की जा रही विवेचना में यह तथ्य सामने आया है।
लखनऊ पुलिस ने शनिवार को सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) की कोर्ट में शूटर विजय यादव के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया है। एसआइटी अध्यक्ष एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि बदन सिंह बद्दो को जीवा की हत्या के मामले में आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी बनाया गया है। कई बिंदुओं पर हत्या की विवेचना जारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना के कुछ घंटों के बाद गठित की गई एसआइटी में पुलिस उपायुक्त (अपराध), लखनऊ कमिश्नरेट व आइजी अयोध्या रेंज बतौर सदस्य शामिल हैं।
एसआइटी को कचहरी परिसर में सुरक्षा प्रबंधों में चूक से लेकर संजीव जीवा की हत्या के विभिन्न पहलुओं पर गहनता से पड़ताल करने का जिम्मा सौंपा गया था। एसआइटी कचहरी परिसर में सुरक्षा को लेकर अपनी रिपोर्ट जल्द शासन को सौंप सकती है। बद्दो का नाम शासन स्तर पर सूचीबद्ध माफिया में शामिल है और वह 28 मार्च, 2019 से फरार है। जीवा की हत्या में उसकी खुद की लापरवाही भी सामने आई है।
सूत्रों के अनुसार जीवा ने उसकी हत्या से लगभग 15 दिन पूर्व कोर्ट में एक अर्जी दी थी। उसने लखनऊ कोर्ट में चल रहे मुकदमे में पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के बजाए भौतिक रूप से कराए जाने की मांग की थी। वह पांच जून, 2023 को भी लखनऊ कोर्ट में पेशी पर आया था। उस दौरान भी जीवा ने पेशी पर उसे कोर्ट में बुलाए जाने की बात पर जोर दिया था।
जीवा इसके बाद सात जून, 2023 को पेशी पर आया था, जहां उसकी विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में यह भी सामने आया कि जीवा ने गर्मी की वजह से बुलेटप्रूफ जैकेट पहनने व हेलमेट लगाने से मना कर दिया था। एसआइटी को एक वीडियो फुटेज मिली है, जिसमें पुलिस वैन में बुलेटप्रूफ जैकेट व हेलमेट सीट पर रखे दिख रहे हैं। जीवा ने बदन सिंह बद्दो से अपनी जान का खतरा भी जताया था।
एसआइटी को जीवा के वकील के पास से एक प्रार्थनापत्र मिला है, जिसमें उसने मुजफ्फरनगर के जज से उसकी पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ही कराए जाने की मांग की थी। एक अधिकारी के अनुसार यह भी सामने आया था कि जीवा ने वर्ष 2003 में हरिद्वार (उत्तराखंड) में बद्दो के एक करीबी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी गहराई थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने दबदबे को लेकर भी जीवा व बद्दो के बीच टकराव था।
नेपाल में बद्दो से हुई थी हत्या की डील हत्यारोपित विजय यादव जौनपुर जनपद के केराकत के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है। विजय यादव ने पूछताछ में नेपाल में बद्दो से मुलाकात होने की बात स्वीकार की है। दोनों के बीच वहीं 50 लाख रुपये में जीवा की हत्या करने की डील हुई थी। विजय के अनुसार बद्दो ने यह रकम वारदात के बाद उसके परिवारीजन को पहुंचाने व उसे बचाने के लिए पूरी पैरवी करने का वादा किया था। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि बद्दो ने उसे कितनी रकम एडवांस दी थी। एसआइटी की एक टीम नेपाल जाने की भी तैयारी में है। यूपी पुलिस के लिए भी पांच लाख रुपये के इनामी बद्दो को खोज निकालना बड़ी चुनौती है।
लखनऊ में दी गई थी जांच में सामने आया है कि शूटर विजय यादव को हत्या में प्रयुक्त विदेशी रिवाल्वर बद्दो के गुर्गों ने लखनऊ में ही उपलब्ध कराई थी। उसे जीवा की तस्वीर भी दिखाई थी। वीडियो फुटेज में कचहरी में कुछ संदिग्ध भी नजर आए हैं, जिन्हें शूटर का मददगार माना जा रहा है।तलाशने होंगे कई साक्ष्य पुलिस को जीवा की हत्या के मामले में अभी शूटर के बयानों के अलावा कई साक्ष्य भी तलाशने होंगे। नेपाल में हुई डील से लेकर कचहरी में उसके मददगारों तक पहुंचने के लिए पुलिस को बद्दो को भी तलाशना होगा। कई सवालों के जवाब बद्दो से सीधे पूछताछ के बाद ही साफ हो सकेंगे।
अंधाधुंध फायरिंग में घायल हुई थी बच्ची और तीन पुलिस कर्मियों समेत पांच लोग लखनऊ कोर्ट परिसर में जीवा की हत्या के दौरान हुई अंधाधुंध फायरिंग से डेढ़ वर्षीय बच्ची लक्ष्मी उर्फ लाडो, उसकी मां नीलम, जीवा की सुरक्षा में लगे दारोगा उत्कर्ष त्रिपाठी, हेड कांस्टेबल लाल मोहम्मद, कमलेश कुमार घायल हो गए थे। पुलिस ने मौके से एक रिवाल्वर, छह कारतूस बरामद की थी। जीवा की सुरक्षा में तैनात दारोगा उदय प्रताप सिंह की तहरीर पर वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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