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ADR ने पेश किया यूपी के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड, 140 विधायकों के विरुद्ध दर्ज हैं मुकदमे; देखें पूरा ब्यौरा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट में कई राजफाश किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के 396 विधायकों में से 140 यानी 35 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 24 Nov 2021 09:05 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट में कई राजफाश किए गए हैं।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही इलेक्शन से जुड़े विश्लेषण भी शुरू हो गए हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच व एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने विधायकों के शपथपत्रों की समीक्षा के आधार पर दावा किया है कि अगले चुनाव में भी धनबल व बाहुबल का बोलबाला होगा। एडीआर ने प्रदेश के 396 वर्तमान विधायकों के वित्तीय, आपराधिक, शैक्षणिक व अन्य विवरण के विश्लेषण के आधार पर अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 71 प्रतिशत विधायकों के करोड़पति होने तथा 35 प्रतिशत के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही गई है। विश्लेषण में विधानसभा की सात रिक्त सीटों को शामिल नहीं किया गया है। विश्लेषण वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव व उसके उपरांत उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत शपथपत्रों पर आधारित है।

एडीआर के प्रदेश संयोजक अनिल शर्मा व संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि विश्लेषण में सामने आया है कि 396 विधायकों में से 140 विधायकों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 106 विधायक ऐसे हैं, जिनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। सात विधायक ऐसे भी हैं, जिनके विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज है। जिन विधायकों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनमें भाजपा के 106 विधायक, समाजवादी पार्टी के 18 विधायक, बसपा के दो व कांग्रेस के एक विधायक के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 71 फीसद विधायक करोड़पति हैं। एडीआर के अनुसार 396 में से 313 विधायक ऐसे हैं, जिनकी घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें सर्वाधिक करोड़पति 235 विधायक भाजपा के, 49 समाजवादी पार्टी के तथा 15 बसपा के व पांच कांग्रेस पार्टी के हैं। इन विधायकों की औसतन संपत्ति 5.85 करोड़ रुपये है। विश्लेषण में पाया गया कि इनमें शामिल भाजपा विधायकों की औसत संपत्ति 5.04 करोड़ रुपये, समाजवादी पार्टी के विधायकों की औसत संपत्ति 6.07 करोड़ रुपये, बसपा विधायकों की औसत संपत्ति 19.27 करोड़ रुपये व कांग्रेस के विधायकों की औसत संपत्ति 10.06 करोड़ रुपये है।

बसपा के शाह आलम सबसे अमीर विधायक : एडीआर के अनुसार सबसे ज्यादा संपत्ति वाले विधायकों में पहले नंबर पर बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुडडू जमाली का नाम है। आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए शाह आलम 118 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। इस श्रेणी में दूसरा बसपा के ही विधायक विनय शंकर का नाम है। गोरखपुर के चिलुपार विधानसभा क्षेत्र से चुने गए विनय शंकर 67 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति के मालिक हैं। तीसरे नंबर पर आगरा के बाह विधानसभा क्षेत्र से चुनी गईं पक्षालिका ङ्क्षसह का नाम है। भाजपा विधायक पक्षालिका ङ्क्षसह 58 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की मालकिन हैं। वहीं 49 विधायक एक करोड़ से अधिक के कर्जदार भी हैं। विधायकों की देनदारियों का भी ब्योरा निकाला गया है। 49 विधायकों ने अपनी देनदारी एक करोड़ रुपये व उससे अधिक घोषित की है।

95 विधायक आठवीं से बारहवीं पास : विश्लेषण के अनुसार 396 विधायकों में से 95 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं से बारहवीं कक्षा के बीच घोषित की है। 290 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक व उससे अधिक घोषित की है। चार विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और पांच विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है। वहीं 206 विधायक 25 से 50 वर्ष आयु के मध्य के हैं और 190 विधायक 51 से 80 वर्ष आयु के बीच हैं। सदन में 43 महिला विधायक हैं, जो कुल विधायकों का 11 प्रतिशत हैं।