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अंजान लिंक-वेबसाइट पर न करें भरोसा, ब्यौरा साझा करने से होगा नुकसान

दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में एसीपी साइबर क्राइम सेल ने लोगों के सवालों का दिया जवाब। कहा- साइबर क्राइम के मामलों में एफआइआर जरूरी।

By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Wed, 01 Jul 2020 07:33 PM (IST)
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अंजान लिंक-वेबसाइट पर न करें भरोसा, ब्यौरा साझा करने से होगा नुकसान

लखनऊ, जेएनएन। साइबर अपराध के अलग-अलग तरीके हैं। ठग कभी खुद को बैंककर्मी तो कभी आर्मी के जवान बनकर लोगों को झांसे में लेते हैं। उनसे ठगी कर रहे हैं। कई मामलों में लोग एफआइआर दर्ज नहीं कराते और साइबर सेल से कार्रवाई की मांग करते हैं। साइबर क्राइम के हर मामले में एफआइआर आवश्यक है। थाने जाकर या यूपी कॉप एप के जरिए एफआइआर दर्ज करा सकते हैं। थोड़ा सावधान रहें। किसी अंजान लिंक, वेबसाइट, ई-मेल पर क्लिक न करें। खाते की जानकारी न साझा करें। दैनिक जागरण कार्यालय में बुधवार को प्रश्न पहर कार्यक्रम में साइबर अपराध से बचाव के लिए एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। उन्हें जागरूक भी किया।

सवाल : मेरे एटीएम कार्ड से 21 और 25 मई को दो बार में 70 हजार रुपये निकल गए। नाका कोतवाली में एफआइआर कराई है। अभी सुनवाई नहीं हुई। साइबर सेल में भी शिकायत की है। कैसे मदद मिलेगी? (कृष्ण मोहन मिश्र, मोतीनगर नाका)

जवाब : आपका कंप्लेन नंबर नोट कर लिया गया है। इस संबंध में विवेचक से बात की जाएगी। साइबर सेल की ओर से इस प्रकरण में क्या कार्रवाई की गई है, यह अवगत कराया जाएगा। जल्द आपको मदद मिलेगी।

सवाल : डेढ़ साल पहले मेरे खाते से रुपये निकले थे। ओएलएक्स पर एक युवक ने खुद को सेना का जवान बताया। खाते में रुपये डलवाकर हड़प लिए। आलमबाग थाने में एफआइआर भी नहीं हुई। ठगों से कैसे बचें? (विशाल चौधरी, चारबाग) 

जवाब : सतर्कता बरतकर ही ठगी से बचा जा सकता है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान किसी भी व्यक्ति पर भरोसा न करें। आपको एफआइआर करानी चाहिए। किसी भी लिंक को क्लिक न करें। ठगी का शिकार हो सकते हैं।

सवाल : मेरे भांजे ने ओएलएक्स पर टीवी और सोफा बेचने के लिए विज्ञापन डाला था। इस पर एक युवक ने कॉलर कर खुद को सेना का जवान बताकर खरीदारी की बात की। एक लिंक भेज। इसे क्लिक करते ही 20 हजार रुपये खाते से निकल गए। मदद कीजिए। (सर्वेश अग्निहोत्री, महानगर) 

जवाब : इस संबंध में साइबर क्राइम सेल के पास भी शिकायत की गई है। मामले की छानबीन की जा रही है। आपको जल्द ही राहत मिलेगी।

सवाल : साइबर ठगी के मामलों की शिकायत बढ़ रही है। आखिर इससे कैसे बचा जाए। लोग क्या करें कि वह ठगी के शिकार ना हों? (एपी आजाद, गोसाईगंज)

जवाब : वेबसाइट का इस्तेमाल करते समय सतर्कता बरतें। अंजान नंबर से फोन करने वाले व्यक्ति को खाते की जानकारी न दें और न किसी लिंक को क्लिक करें। फ्री में कोई एप डाउनलोड करने से बचें। तभी साइबर ठगी से बचा जा सकता है। 

सवाल  : 15 मई को एक्सिस बैंक के टोल फ्री नंबर पर फोन किया था। इस दौरान उन्हें दूसरे नंबर से फोन कर समस्या पूछी गई और झांसे में लेकर मेरे खाते से 23 हजार रुपये निकाल लिए। जानकीपुरम थाने में शिकायत की लेकिन  एफआइआर दर्ज नहीं की गई। किससे मदद मांगू? (डॉ. योगेंद्र प्रसाद, ठाकुरगंज)

जवाब : आपकी एफआइआर जरूर होगी। थाने में संपर्क करें। सुनवाई नहीं होने पर एसीपी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलें। साइबर क्राइम सेल में अपनी शिकायत करें। हरसंभव मदद की जाएगी।

सवाल : मेरे फोन पर अंजान नंबर से एक लिंक वाट्सएप किया गया था। इस पर पर क्लिक किया था। मुझे आशंका है कि मेरा फोन हैक कर लिया गया है। क्या करूं?  (यश, ठाकुरगंज)

जवाब : मोबाइल फोन का बैकअप लेकर उसे फॉरमेट कर दीजिए। फोन को हैक करना इतना आसान नहीं होता। फोन चेक कर लें, कोई ऐसा एप तो डाउनलोड नहीं, जो आपने नहीं किया हो। फिर भी आपको शक है तो साइबर सेल में शिकायत कर समाधान पा सकते हैं।