Lucknow University: रात 10 बजे के बाद हास्टल से निकलने वाले छात्रों पर होगी कार्रवाई, आदेश जारी
सुभाष हास्टल से शुक्रवार देर रात बड़ी संख्या में चाय पीने निकले लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों का दुकानदार से झगड़ा हो गया। विवाद में लखनऊ विश्वविद्यालय के सुभाष हास्टल के तीन छात्रों को चोटें आईं हैं। जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला लिया।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 18 Dec 2022 08:46 AM (IST)
लखनऊ, जासं। लखनऊ विश्वविद्यालय के सुभाष छात्रावास के कई छात्र शुक्रवार को देर रात चाय पीने के लिए हास्टल से निकल जाते हैं। इस दौरान किसी ने उन्हें रोका तक नहीं। देर रात पुलिस की पिटाई के बाद कई घंटे तक विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद अब फिर हास्टल के छात्र-छात्राओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन को सख्ती करने की याद आ गई। शनिवार को चीफ प्राक्टर की ओर से आदेश जारी किया गया कि विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों के अंत:वासी छात्र-छात्राओं को रात 10 बजे के बाद बाहर आना-जाना प्रतिबंधित है। अगर कोई छात्र-छात्रा इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर नियमानुसार कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
धरना प्रदर्शन भी प्रतिबंधित
परिसर में शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीफ प्राक्टर की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की ओर से धारा 144 प्रभावी है। इसलिए लवि के मुख्य परिसर में भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह आदेश प्रभावी होगा। कोई भी धरना प्रदर्शन या विरोध करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लवि में 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश
लखनऊ विश्वविद्यालय में 25 दिसंबर से एक जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। कुलसचिव संजय मेधावी ने बताया कि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के आदेश पर विश्वविद्यालय एवं सहयुक्त महाविलयों में शीतकालीन अवकाश की स्वीकृति दे दी गई है। हाल ही में लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय (लुआक्टा) ने शीतकालीन अवकाश की मांग उठाई थी।एनएसयूआइ ने कुलपति कार्यालय पर किया विरोध
छात्रों के साथ मारपीट की घटना के बाद शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने कुलपति कार्यालय पर विरोध किया। प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा, विशाल, आशीष, प्रिंस सहित अन्य छात्र नेताओं का कहना था कि छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। उन्होंने एडीशनल प्राक्टर डा. ओपी शुक्ला को ज्ञापन सौंपा। दूसरी ओर आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने सुभाष हास्टल पहुंच कर पीड़ित छात्रों से बातचीत कर सहयोग का आश्वासन दिया। यह भी कहा कि कैंपस में पुलिस इसलिए लाई गई कि छात्र सुरक्षित रहें। अब पुलिस ही छात्रों को पीट रही।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।