अखिलेश के संसद जाने के बाद… कौन संभालेगा कुर्सी! इन तीन नामों पर चल रहा मंथन, सपा कर रही ‘मौके’ का इंतजार
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद करहल विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। सपा में अब अखिलेश के बाद नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसको लेकर मंथन चल रहा है। समाजवादी पार्टी में नेता प्रतिपक्ष का निर्णय संसद के विशेष सत्र के बाद होगा। संसद का सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी में नेता प्रतिपक्ष का निर्णय संसद के विशेष सत्र के बाद होगा। संसद का सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है। फिलहाल पार्टी अखिलेश यादव के बाद नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इस पर मंथन कर रही है। नेता प्रतिपक्ष तय होने के साथ ही मुख्य सचेतक व विधान परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष तय होंगे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद करहल विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। सपा में अब अखिलेश के बाद नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसको लेकर मंथन चल रहा है।
नेता प्रतिपक्ष भी पीडीए से ही होगा
पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर व भाजपा को सदन में मजबूती घेर सकने वाले नेता को यह जिम्मेदारी देना चाहती है। लोकसभा चुनाव में सपा के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले ने अच्छा प्रदर्शन किया है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नेता प्रतिपक्ष भी पीडीए से ही होगा।इन तीन नामों की पहल
नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव, राम अचल राजभर व इंद्रजीत सरोज के नाम प्रमुखता से चल रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तय होने के साथ ही विधान परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो जाएगा।
पार्टी में चल रहा मंथन
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष तय हो जाएगा, पार्टी में मंथन चल रहा है। अभी विधानमंडल का सत्र नहीं है, इसलिए तात्कालिकता भी नहीं है।माता प्रसाद या ओम प्रकाश हो सकते हैं मुख्य सचेतक
सपा को विधानसभा में मुख्य सचेतक भी तय करना है। इस पद पर पहले ऊंचाहार के विधायक मनोज कुमार पांडेय थे। वे सपा से बगावत कर अब भाजपा के पाले में जा चुके हैं।
पार्टी यह पद फिर से किसी सवर्ण विधायक को देने पर विचार कर रही है। इस पद के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व इटवा के विधायक माता प्रसाद पांडेय व पूर्व मंत्री एवं जमनियां के विधायक ओम प्रकाश का नाम प्रमुखता से चल रहा है।यह भी पढ़ें: योगी सरकार यूपी में ले आई नई तबादला नीति, अब सरकारी कर्मचारी रहेंगे खुश… मिलेगी ‘राहत’ और बस राहत
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