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चुनाव के बाद… एक्शन मोड में आए सीएम योगी, इन जिलों के अधिकारियों पर कार्रवाई तय! लिस्ट हो रही तैयार

CM Yogi In Action Mode - चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक में कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्व संबंधी मामलों में लापरवाही पर खासी नाराजगी जताई है। उन्होंने दो हफ्ते में मुख्यमंत्री कार्यालय रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 15 Jun 2024 02:01 AM (IST)
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एक्शन मोड में आए सीएम योगी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक में कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्व संबंधी मामलों में लापरवाही पर खासी नाराजगी जताई है। उन्होंने दो हफ्ते में मुख्यमंत्री कार्यालय रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

वहीं, राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे ने राजस्व मामलों की समीक्षा कर लापरवाही बरतने वाले राजस्व अफसरों, एडीएम, एसडीएम, नायाब तहसीलदार और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 

लापरवाह अधिकारियों को फटकार

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भी राजस्व संबंधी मामलों की समीक्षा में राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाई। वे जल्द ही अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे, जिसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। 

मुख्य सचिव की समीक्षा में राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में कई जिले फिसड्डी रहे हैं। मुख्य सचिव जल्द ही पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप सकते हैं।

इन कामों में फिसड्डी हैं जिले

  • रियल टाइम खतौनी में कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, चित्रकूट और बलरामपुर का प्रदर्शन ठीक नहीं है। 
  • वाराणसी, सोनभद्र, बलिया, मैनपुरी और गोरखपुर में खतौनी पुनरीक्षण एवं अंश निर्धारण का प्रतिशत काफी कम रहा है। 
  • स्वामित्व योजना के तहत घरौनी तैयार करने में गोरखपुर, प्रयागराज, बाराबंकी, जौनपुर और गाजीपुर में धीमी गति से कार्य हो रहा है। 
  • राजस्व वादों के निस्तारण में महोबा, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत फिसड्डी रहे हैं। यहां आठ हजार से अधिक मामले लंबित हैं।
  • नामांतरण के मामले में लखनऊ, प्रयागराज, अमरोहा, फतेहपुर और सहारनपुर का प्रदर्शन ठीक नहीं है। 
  • धारा-34 (नामांतरण) में कुशीनगर, सोनभद्र, रायबरेली, बलिया और अमेठी में पहले से सुधार हुआ है, लेकिन निपटारे का प्रतिशत 95 प्रतिशत से कम है। 
  • धारा-80 (कृषि भूमि का गैर-कृषि भूमि में परिवर्तन) के अयोध्या में 34, प्रतापगढ़ में 21, गोरखपुर में 12, कानपुर नगर में 10 और बाराबंकी में सात मामले लंबित हैं।

बांदा और मीरजापुर के चकबंदी अधिकारी निलंबित

चकबंदी विभाग ने लापरवाही के आरोप में मीरजापुर और बांदा के चकबंदी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मैनपुरी में भी चकबंदी से जुड़े आधा दर्जन अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। 

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि बांदा में चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप को काम में लापरवाही के कारण निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। 

इसी प्रकार मीरजापुर चकबंदी अधिकारी राजेन्द्र राम को भी पद का दुरुपयोग करने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। वहीं, मैनपुरी में कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में चकबंदी अधिकारी मोहम्मद साजिद, चकबंदी कर्ता काली चरण और रविकांत, चकबंदी लेखपाल अमित कुमार और अजय कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। मैनपुरी के ही उप संचालक चकबंदी/एडीएम एफआर रामजी मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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